Haryana Weather : हरियाणा के सभी जिलों में झमाझम बरसात, फसलों को मिली संजीवनी, जानिये आगे कैसा रहेगा मौसम

उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों पर भारी मात्रा में हिमपात और उत्तरी मैदानी राज्यों में विशेषकर हरियाणा व एनसीआर दिल्ली में 22 जनवरी की अलसुबह से भारी बरसात हुई। अब कुछ स्थानों पर 23 जनवरी को शाम तक हल्की बारिश और छितरवां बारिश की गतिविधियां देखने को मिलेगी। समूचे उत्तर भारत में बारिश होने से अभी कुछ दिन और फिजा में ठंडक घुली रहेगी। ऐसे में पूरा जनवरी का महीना भीषण ठंड का बना हुआ है।
बारिश गेहूं तथा जौ के लिए काफी फायदेमंद बताई जा रही है। ऐसे में गेहूं तथा जौ उत्पादक किसानों के चेहरे खिले हैं। हालांकि जिन ग्रामीण क्षेत्रों में जमकर बारिश हुई वहां सरसों की फसल को नुकसान की आशंका है। राजकीय महाविद्यालय नारनौल के नोडल पर्यावरण अधिकारी डॉ चंद्रमोहन ने बताया कि रविवार को भी की हल्की से मध्यम बारिश और छितरवां बारिश की गतिविधियों की प्रबल संभावनाएं हैं क्योंकि बारिश वाले बादलों का निर्माण जारी है। 24 जनवरी को इस मौसम प्रणाली का प्रभाव हरियाणा व एनसीआर दिल्ली से हटाना शुरू हो जाएगा।
फसलों के लिए रामबाण है यह बरसात
हरियाणा में शुक्रवार की रात से लेकर शनिवार की रात तक सभी जिलों में रूक रूक कर हो रही बारिश सभी फसलों के लिए रामबाण साबित हो रही है। वहीं शीतकालीन बारिश होने से तापमान में लगातार गिरावट आ रही है और इससे शरदकालीन फसलें जैसे गेहूं, गन्ना, हरे पत्तेदार सब्जियां, तिहलन व दलहन फसलों को तेजी से विकास होगा, फसल निरोगी होगी और उत्पादन वाला व अधिक होगा। खास बात यह रहेगी कि फसल का उत्पादन गुणवत्ता वाला होगा, इससे जहां खाद्यान्न भंडार लबरेज होंगे, वहीं किसानों की आय बढेगी, खेत मजदूर की आर्थिक हालत भी बेहतर होगी। जनवरी के पहले पखवाड़े में चल रही बारिश से बागवानी फसलों जैसे आम व अमरूद समेत अन्य फलदार वृक्षों का विकास होगा और आम की फसल में मोल फूटेगा, यदि बारिश दो चार और दिन चल गई तो आम की फसल का रिकार्ड उत्पादन होने की संभावना है। जबकि अमरूद की फसल भी अच्छी होगी। बारिश होने से तापमान में गिरावट आई है, इसका सबसे अधिक लाभ शरदकालीन फसलों को होगा।
90 लाख हेक्टेयर भूमि में गेहूं की फसल
हरियाणा में करीब 90 लाख हेक्टेयर भूमि में गेहूं की फसल खड़ी है। शरदकालीन बारिश गेहूं की फसल के लिए रामबाण साबित होगी। गेहूं की फसल का जहां तेजी से विकास होगा, वहीं फसल निरोगी होगी और उत्पादन अधिक होगा, सबसे खास बात यह होगी कि गुणवत्ता वाले अनाज का उत्पादन होगा। गेहूं की फसल की लागत कम होने व उत्पादन अधिक होने से किसान व मजदूर को आर्थिक लाभ होगा। गन्ने की फसल के लिए भी बारिश अच्छी है, गन्ने की फसल का तेजी से विकास होगा, हरे चारे, हरि सब्जी, तिलहन, दलहन व बागवनी के लिए भी बारिश वरदान साबित होगी। शरदकालीन बारिश जितनी अधिक व जितने अधिक दिन होगी फसलों को उतना ही फायदा होगा।
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