चंडीगढ़ किसका ? आज पंजाब को जवाब देगा हरियाणा, विधानसभा में 11 बजे शुरू होगा विशेष सत्र, हंगामे के आसार

चंडीगढ़ किसका ? आज पंजाब को जवाब देगा हरियाणा, विधानसभा में 11 बजे शुरू होगा विशेष सत्र, हंगामे के आसार
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पंजाब विधानसभा द्वारा चंडीगढ़ को लेकर प्रस्ताव पारित किए जाने के बाद से ही हरियाणा में भी सियासत बहुत तेज हो गई है।

चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा का मंगलवार को सुबह 11 बजे से विशेष आपातकालीन सत्र बुला लिया गया है। जिस पर सभी की नजरें लगी हुई हैं। पंजाब विधानसभा द्वारा चंडीगढ़ को लेकर प्रस्ताव पारित किए जाने के बाद से हरियाणा में भी सियासत बहुत तेज हो गई है। हरियाणा के हकों को लेकर और पंजाब को जवाब देने के लिए विपक्ष की ओर से भी हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को साथ देने का आश्वासन दिया गया है।

5 अप्रैल के एक दिन के इस विशेष सत्र का वक्त 11 बजे का रखा गया है। इस क्रम में सुबह साढ़े नौ बजे बीएसी की बैठक रखी गई है। मुख्यमंत्री इस सत्र के बाद में बाद दोपहर तीन बजे के करीब मंत्रिमंडल की बैठक लेंगे। पंजाब को जवाब देने के लिए हरियाणा विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है। इसमें पंजाब के विरुद्ध निंदा प्रस्ताव के साथ साथ में हरियाणा अपने हकों व विवादित मुद्दो को लेकर चर्चा करने की तैयारी में है।

फिलहाल यह सत्र एक दिन का रहेगा और बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की मीटिंग में सत्र की अवधि को लेकर फैसले में बदलाव भी किया जा सकता है। सत्र सुबह 11:00 बजे बुलाने पर सर्वसम्मति बनी है। यहां पर उल्लेखनीय है कि पंजाब में हाल ही में मुख्यमंत्री निर्वाचित हुए भगवंत मान आम आदमी पार्टी की ओर से 1 दिन का विशेष सत्र विधानसभा में बुलाया गया और इसमें यूटी चंडीगढ़ के अंदर केंद्रीय सेवा कानून लागू किए जाने के विरोध जताया गया। इतना ही नहीं बाद में पंजाब की ओर से एक प्रस्ताव पारित करते हुए चंडीगढ़ पर पूरी तरह अपना हक बताया और इसे तुरंत पंजाब को सौंपने की मांग उठाई। इसके साथ ही बीते दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा चंडीगढ़ में केंद्रीय सेवा कानून लागू किए जाने का विरोध करते हुए इसे वापस लेने की मांग की है।

कुल मिलाकर केंद्रीय सेवा कानून लागू होने के दिन से हरियाणा और पंजाब के बीच एक बार फिर से सियासी जंग छिड़ गई है। दोनों प्रदेशों के बीच लंबे अरसे से एसवाईएल के पानी, राजधानी चंडीगढ़ के साथ-सथ हिंदी भाषी गांव हरियाणा को दिए जाने अलग से हाई कोर्ट जैसे विषय पर विवाद चले आ रहे हैं।

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