बड़ी उपलब्धि : हरियाणा की बेटी कैप्टन अभिलाषा बराक बनीं आर्मी में पहली महिला लड़ाकू पायलट

हरियाणा के पंचकूला की रहने वाली कैप्टन अभिलाषा बराक सेना की अग्रणी युद्धक शाखा एविएशन कोर (एएसी) में शामिल होने वाली पहली महिला पायलट बन गई हैं। उन्हें बुधवार को सेना की एविएशन कोर के महानिदेशक और कर्नल कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल एके सूरी के द्वारा नासिक में आयोजित किए गए समारोह में प्रतिष्ठित विंग्स से सम्मानित किया गया। सेना ने बताया कि कैप्टन अभिलाषा बराक ने महाराष्ट्र के नासिक में कॉम्बेट आर्मी एविएशन ट्रेनिंग स्कूल (कैट्स) में अपना पायलट संबंधी प्रशिक्षण पूरा किया है। जिसमें उन्हें कुल छह महीने का समय लगा है। अब करीब डेढ़ महीने के अंदर सेना के द्वारा एक महिला अधिकारी के रूप में कैप्टन अभिलाषा को उनकी तैनाती वाली यूनिट की जानकारी दे दी जाएगी।
जिसके बाद वो देशवासियों को जम्मू-कश्मीर की पाकिस्तान से लगी हुई सीमा यानी एलओसी या चीन से लगी हुई एलएसी से लेकर अन्य किसी भी सैन्य तैनाती स्थल पर सेना के मारक हेलिकॉप्टरों में अपनी बेहद प्रचंड उड़ान के साथ दुश्मन के हौसले पस्त करती हुई नजर आएंगी। गौरतलब है कि कैप्टन अभिलाषा बराक एक ऐसे चुनौतीपूर्ण समय में सेना की एविएशन कोर का हिस्सा बनी हैं। जब वैश्विक स्तर पर रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध चल रहा है। तो वहीं दूसरी ओर घरेलू स्तर भारत का चीन के साथ एलएसी पर और पाकिस्तान के साथ एलओसी पर विवाद चल रहा है। केंद्र सरकार ने वर्ष 2017 से ही महिलाओं को तीनों सशस्त्र सेनाओं में अग्रणी युद्धक भूमिका में शामिल करने की कवायद शुरू कर दी थी। इसके अगले साल ही वायुसेना में तीन महिलाओं को बतौर लड़ाकू विमान उड़ाने वाले पायलट के रूप में कमीशन किया गया था। इसके साथ ही अब सेना की हवाई युद्धक शाखा एविएशन कोर में भी इस प्रक्रिया का आगाज हो गया है।
सेना ने बताया स्वर्णिम ऐतिहासिक दिन
सेना कैप्टन अभिलाषा बराक के एविएशन कोर में पायलट के रूप में शामिल होने के 25 मई के दिन को अपने इतिहास का एक स्वर्णिम दिन करार दे रही है। उसका कहना है कि 1 नवंबर 1986 को सेना की एविएशन कोर को एक ग्रुप के तौर पर खड़ा किया गया था। लेकिन उसके बाद से लेकर हाल के कुछ सालों तक इसमें महिलाओं को केवल एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) और ग्राउंड ड्यूटी जैसी ही जिम्मेदारियां सौंपी जाती थीं। लेकिन अब सेना की इसी एविएशन कोर में महिलाओं को युद्धक भूमिका यानी पायलट की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। कैप्टन अभिलाषा से पहले वर्ष 2018 में वायुसेना की फ्लाइंग ऑफिसर अवनि चतुवेर्दी लड़ाकू विमान उड़ाने वाली देश की पहली भारतीय महिला बनी थीं। लेकिन अवनि की तरह ही कैप्टन अभिलाषा भी सेना में 2018 (सितंबर) में ही कमीशन हुई हैं। उनके पिता कर्नल एस.ओम सिंह भी सेना के एक सेवानिवृत अधिकारी रहे हैं। कैप्टन अभिलाषा ने सेना की एविएशन कोर में शामिल होने से पहले कई अहम पेशेवर सैन्य कोर्स किए हैं।
ध्रुव, चेतक, चीता, रूद्र में भरेंगी उड़ान
सेना के युद्धक बेड़े में वर्तमान में कई प्रकार हेलिकॉप्टर शामिल हैं। इनमें एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर ( एएलएच ) ध्रुव, चेतक, चीता और रूद्र मुख्य हैं। कैप्टन अभिलाषा बराक को सेना द्वारा उनकी यूनिट दिए जाने के बाद इनमें से किसी एक हेलिकॉप्टर में उड़ान भरते हुए देश की सेवा करने का मौका मिलेगा। उक्त चारों हेलिकॉप्टरों के जरिए सेना सियाचिन और अरुणाचल प्रदेश जैसे अलग-अलग सुदूर ऊंचाई वाले इलाकों से लेकर मैदानी इलाकों में निगरानी से लेकर जरूरी रसद पहुंचाने, प्राकृतिक आपदा में राहत पहुंचाने यानी एचएडीआर समेत अन्य जरूरी कार्यों को पूरा करती है। कैप्टन अभिलाषा बराक भी जल्द ही इन तमाम भूमिकाओं को निभाती हुई नजर आएंगी।
37 में अकेली महिला पायलट हैं अभिलाषा
सेना ने ये भी बताया कि 25 मई को नासिक के कैट्स में हुए समारोह में लेफ्टिनेंट जनरल सूरी द्वारा एविएशन कोर के जिन कुल 37 पायलटों को प्रतिष्ठित विंग्स प्रदान किए गए हैं। उनमें से कैप्टन अभिलाषा बराक अकेली महिला अधिकारी हैं। बाकी 36 पुरुष पायलट हैं। जिन्हें कोर के महानिदेशक द्वारा सम्मानित किया गया है।
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