पानीपत में हुई हरियाणा की पहली जल पंचायत, पानी बचाने के लिए 14 जिले किए जाएंगे कवर

पानीपत में हुई हरियाणा की पहली जल पंचायत, पानी बचाने के लिए 14 जिले किए जाएंगे कवर
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भूजल प्रबंधन के मुद्दों का पता लगाने के लिए पिछले 3 दिनों से जल विशेषज्ञों की टीम पानीपत केे बेहोली गांव में थी। टीम ने गांव में भूजल की स्थिति और पानी की गुणवत्ता की जांच की।

चंडीगढ़। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के भूजल रीचार्जिंग व प्रबंधन के विजन के अनुरूप अटल भुजल योजना के तहत गांव के लिए जल सुरक्षा योजना बनाने हेतु पानीपत के बेहोली गांव में हरियाणा की पहली जल पंचायत बुलाई गई। इसमें ग्रामीण, जल विशेषज्ञ व जिला प्रशासन के अधिकारियों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम के अंतर्गत सामुदायिक लामबंदी और जागरूकता गतिविधियों के साथ-साथ हितधारकों का क्षमता निर्माण भी होगा। प्रारंभ में प्रत्येक गांव की जल सुरक्षा योजना तैयार की जाएगी और अगले चार वर्षों में इसे लागू किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि भूजल प्रबंधन के मुद्दों का पता लगाने के लिए पिछले 3 दिनों से जल विशेषज्ञों की टीम बेहोली गांव में थी। टीम ने गांव में भूजल की स्थिति और पानी की गुणवत्ता की जांच की। जल प्रबंधन की तकनीकी विशेषज्ञ टीम में डॉ अनिल गौतम, प्रतीक कुमार, वर्गिस बमोला, इंजीनियर महेंद्र वाधवानी, डॉ रिजवी, राहुल वर्मा, शुभम और पुष्प रंजन शामिल थे। जल पंचायत के दौरान अटल भुजल योजना के जल विशेषज्ञ डॉ अनिल गौतम ने गांव में किए गए जल शोध के निष्कर्ष प्रस्तुत किए और ग्रामीणों ने गांव में पानी संबंधी समस्या के समाधान के लिए अपने सुझाव भी दिए। जल पंचायत के आयोजन के उद्देश्य के बारे में सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह ने बताया कि अटल भुजल योजना के तहत हरियाणा के कुल 14 जिलों को कवर किया जाएगा। इसमें गंभीर भूजल संकट वाले 36 विकास खंडों में कुल 1669 ग्राम पंचायतें शामिल हैं। इस कार्यक्रम का लक्ष्य गहराते भूजल को रोकना है।

पानीपत के उपायुक्त सुशील सारवान ने भी जल पंचायत में भाग लिया और ग्रामीणों से जल संसाधनों के संरक्षण का अनुरोध किया। उन्होंने अटल भुजल योजना के क्रियान्वयन में जिला प्रशासन की ओर से पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन भी दिया। अटल भुजल योजना के परियोजना निदेशक डॉ सतबीर सिंह कादियान ने बताया कि अटल भुजल योजना के तहत हुई हरियाणा की पहली जल पंचायत में ग्रामीणों ने अपने भूजल संसाधनों का स्वामित्व लिया और राज्य टीम के परामर्श से भविष्य की कार्य योजना तैयार की। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम से राज्य में भूजल प्रबंधन में क्रांति आएगी और पूरे देश के लिए एक मिसाल कायम होगी।


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