चर्चाओं में रहने वाली हरियाणा की IAS रानी नागर ने फिर दिया इस्तीफा, बताया यह कारण

चंडीगढ़। कई कारणों से चर्चाओं में रहने वाली रानी नागर ने एक बार फिर से नौकरी से त्यागपत्र दे दिया है। नागर ने मुख्य सचिव हरियाणा सरकार और डीओपीटी, राष्ट्रपति को इस्तीफा भेजा है। नागर हरियाणा कैडर की 2014 बैच की आईएएस अफसर हैं। रानी नागर ने इसके पहले भी वर्ष 2020 में इस्तीफा देने का फैसला लिया था।
गाजियाबाद में रह रहीं नागर के मामले में अब नया मोड़ यह है कि उनकी मां ने गाजियाबाद के ही सिहानी गेट थाने में एक प्रार्थना पत्र देकर साफ कर दिया है कि उनकी बेटी अपनी मानसिक जांच भी नहीं कराना चाहती, इसीलिए उसके साथ में कोई जोर जबरदस्ती नहीं की जाए। नागर की मां शिमल नागर ने कहा कि उनकी बेटी मानसिक स्वास्थ्य की जांच कराने को तैयार नहीं है। इस संदर्भ में सिहानी गेट थाना में प्रार्थना पत्र देकर लिखा गया है कि रानी नागर के मानसिक और शारीरिक जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार या किसी अन्य सरकारी और गैर सरकारी संस्था को अनुमति नहीं दी है। उसके बाद भी अगर कोई ऐसा करता पाया जाता है तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाए। राज्य की चर्चित आईएएस रानी नागर ने इस्तीफे की प्रति हरियाणा मुख्य सचिव और केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग को भी भेजी गई है।
अवकाश पर चल रहीं रानी नागर
7 अगस्त से अवकाश पर चल रहीं रानी नागर ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के नियमों का हवाला देते हुए तुरंत प्रभाव से इस्तीफा स्वीकार करने का आग्रह किया है। रानी नागर ने चार मई 2020 को भी पद से इस्तीफा दे दिया था। तब केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती रानी उनके समर्थन में उतर आए थे। बाद में प्रदेश की सरकार ने उनका इस्तीफा नामंजूर कर दिया था। रानी नागर ने सेहत ठीक नहीं रहने का हवाला देते हुए सरकार से उनका कैडर हरियाणा से बदलने की मांग की थी। इसे वे उत्तर प्रदेश कराना चाहती थी, सरकार इसकी सिफारिश पहले ही कर चुकी है। आठ मई से अवकाश पर चल रहीं अतिरिक्त सचिव रानी नागर वर्तमान में उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में पैतृक निवास पर हैं। पूर्व में 23 अप्रैल को खुद की हत्या की आशंका जताते हुए फेसबुक अकाउंट पर कारतूस और ताबीज की फोटो शेयर की थी।
हरियाणा के एक आईएएस पर लगाया था दुर्व्यवहार का आरोप
जून 2018 में पशुपालन विभाग में रहते वरिष्ठ आइएएस पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया था। मामला मुख्यमंत्री के पास भी पहुंचा। रानी ने चंडीगढ़ की जिला अदालत में उक्त आईएएस और यूटी के कुछ पुलिस अफसरों पर मामला भी दर्ज कराया हुआ है।
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