सफलता : एचएयू का एमएससी अंतिम वर्ष का विद्यार्थी प्रतीक बना फ्लाइंग ऑफिसर

हिसार : चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (CCS Haryana Agricultural University) हिसार के एमएससी अंतिम वर्ष के छात्र प्रतीक भारतीय वायुसेना में फ्लाइंग ऑफिसर के पद पर चयनित हुए हैं। विश्वविद्यालय से लगातार विद्यार्थियों का इस प्रकार विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों और सेवाओं में चयन अपने आप में बहुत बड़ी उपलब्धि है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज ने प्रतीक को बधाई देते हुए उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। ग्रामीण अंचल में पला-पढ़ा प्रतीक अपने मां-बाप की इकलौती संतान है।
गणतंत्र दिवस की परेड से मिली प्रेरणा : वर्ष 2019 में दिल्ली में राजपथ पर आयोजित गणतंत्र दिवस की परेड में विश्वविद्यालय की एनसीसी यूनिट के कैडेट के तौर पर हिस्सा लिया था। वहीं से सेना के अधिकारियों व जवानों का अनुशासित जीवन व देश सेवा के जज्बे के चलते उसके मन में भी देश सेवा करने की इच्छा जागृत हुई और दिन-रात इस लक्ष्य को प्राप्त करनेे के लिए जुट गया। मूल रूप से हिसार जिले के गांव सरसौद निवासी प्रतीक की प्रारंभिक शिक्षा सेंट फ्रांसीस स्कूल तलवंडी राणा से और उसके बाद आगे की सारी पढ़ाई एचएयू से ही जारी है। प्रतीक बहुत अच्छा एथलीट है और उसने सौ मीटर, 110 मीटर बाधा दौड़, चार गुणा सौ रिले दौड़ में और चार सौ मीटर में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। उसने विश्वविद्यालय की ओर से तिरूपति में ऑल इंडिया एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था। विश्वविद्यालय की ओर निरंतर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छात्र व शिक्षक आदान-प्रदान कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इसी के तहत प्रतीक ने न्यूजीलैंड की मैसी यूनिवर्सिटी से इंटर्नशिप भी की थी।
विश्वविद्यालय का मिला भरपूर सहयोग : प्रतीक ने बताया कि विश्वविद्यालय के शिक्षकों का मार्गदर्शन व सहयोगी विद्यार्थियों का उसे भरपूर सहयोग मिला है। उसकी सफलता में विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी, छात्र कल्याण निदेशालय की प्लेसमेंट सेल, अभ्यास के लिए गिरी सेंटर का खेल मैदान, समय-समय पर मार्गदर्शन के लिए आयोजित किए जाने वाले सेमिनार व अन्य गतिविधियों का बहुत बड़ा योगदान है।
दादा करते थे हमेशा प्रेरित : प्रतीक के दादा रणबीर सिंह प्राइमरी अध्यापक थे और उन्हें देशभक्ति की कहानियां सुनाते थे। सदैव उसे देश सेवा के लिए प्रेरित करते थे। इसके अलावा प्रतीक के माता-पिता स्कूल लेक्चरर हैं। परिवार की इकलौती संतान होने के बावजूद उन्होंने अपने बेटे को देश की सेवा के लिए प्रेरित किया। हालांकि उनके परिवार में अभी तक सेना में कोई नहीं गया है। उसके चाचा-चाची भी हमेशा उसका मार्गदर्शन करते रहते थे।
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