एचएयू के नवनियुक्त कुलपति प्रोफेसर बी.आर. कंबोज ने कार्यभार संभाला, विश्वविद्यालय के लिए बताया अपना विजन

हिसार : चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार (CCS Haryana Agricultural University) को प्रगति के पथ पर बढ़ते हुए नई ऊंचाइयों की ओर ले जाना ही मुख्य लक्ष्य होगा। इसके लिए काम को ही प्राथमिकता दी जाएगी। उक्त विचार चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के नवनियुक्त कुलपति प्रोफेसर बी.आर.कंबोज ने कार्यभार संभालने के बाद मीडिया से रूबरू होते हुए कहे।
उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान रखता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि विश्वविद्यालय का उद्देश्य किसान समुदाय के लिए ओर अधिक बेहतर कार्य करने का होगा। उन्होंने विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों से आह्वान किया कि वे किसानों की समस्याओं व जरूरतों और बदलती भौगोलिक परिस्थितयों को ध्यान में रखकर अनुसंधान कार्य करें और बदलते पर्यावरण के अनुसार ज्यादा पैदावार वाली फसलों की किस्में विकसित करें और फसलों की सस्य क्रियाओं को संशोधित करें ताकि किसानों को अधिक से अधिक फायदा मिल सके जिससे किसानों का आर्थिक व सामाजिक स्तर पर उत्थान होगा। उन्होंने कहा कि उनका जल संरक्षण के साथ-साथ माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा किसानों की आमदनी को दोगुणा करने के लक्ष्य पर भी जोर रहेगा। उन्होंने कहा कि उनका मकसद शैक्षणिक, अनुसंधान व विस्तार शिक्षा की गतिविधियों को ओर मजबूत बनाना होगा ताकि विद्यार्थियों व किसानों को अधिक से अधिक फायदा हो सके।
विद्यार्थी से कुलपति तक के सफर में मिला सबका साथ
उन्होंने कहा कि एक विद्यार्थी से लेकर विश्वविद्यालय के कुलपति बनने के सफर में किसानों और वैज्ञानिकों का भरपूर सहयोग मिला है। उन्हें आशा है कि यूं ही सबका सहयोग मिलता रहेगा। उनकी प्राथमिकता में किसानों को विश्वविद्यालय के सहयोग से अधिक से अधिक सुविधा मुहैया करवाना, विश्वविद्यालय के बाहरी केंद्रों पर शोध गतिविधियों को बढ़ावा देना, सकारात्मक सोच के साथ काम करना व विद्यार्थियों को विदेशी तर्ज पर शिक्षा मुहैया करवाना शामिल होंगे। कुलपति प्रोफेसर बी.आर. कंबोज ने कहा कि विश्वविद्यालय के नाम व प्रसिद्धि के लिए सभी को सेवाभाव से मिलकर काम करना होगा ताकि विश्वविद्यालय को प्रगति के शिखर पर ले जाएं।
जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को किया जाएगा जागरूक
उन्होंने ग्रामीण व पिछड़े वर्ग के युवक-युवतियों से आह्वान किया कि वे विश्वविद्यालय में दिए जाने वाले विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण हासिल कर स्वरोजगार स्थापित करते हुए आत्मनिर्भर बनें। इसके बाद विश्वविद्यालय में एबिक केंद्र से जुड़कर अपने व्यवसाय को बढ़ाते हुए सफल उद्यमी बनें ताकि उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल सके। विश्वविद्यालय के कुलपति ने कहा कि विद्यार्थियों को विकसित देशों से जोड़कर ड्यूल डिग्री कोर्स के लिए प्रेरित किया जाएगा ताकि शिक्षा पूरी होने के बाद उनकी पहचान विश्वस्तरीय हो सके। उन्होंने कहा कि जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय में दीन दयाल उपाध्याय जैविक खेती उत्कृष्टता केंद्र खोला गया है जो रसायन रहित खेती करने में किसानों को जागरूक करने का काम करेगा।
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