Haryana Agricultural University की छात्रा शिवांशी यादव का इसरो में चयन, एक साल के लिए जाएगी नीदरलैंड

हिसार : चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कृषि अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय की छात्रा शिवांशी यादव का चयन स्नातकोत्तर डिग्री के लिए इसरो में हुआ है। अब शिवांशी यादव इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग, इसरो देहरादून से जियो इंफोर्मेटिक्स एंड अर्थ ऑबजर्वेशन में मास्टर डिग्री करेगी। यह एक दो वर्षीय कार्यक्रम है जिसके तहत एक वर्ष तक इसरो और इसी डिग्री के दूसरे वर्ष की पढ़ाई नीदरलैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ टवेंटी, आईटीसी से करेगी।
खास बात यह है कि इस कोर्स के लिए देशभर से केवल 10 विद्यार्थियों का चयन हुआ है और शिवांशी उनमें से एक है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बी.आर. काम्बोज ने छात्रा के चयन पर बधाई देते हुए उसके उज्जवल भविष्य की कामना की है। उन्होंने कहा कि इससे विश्वविद्यालय के अन्य विद्यार्थियों को भी प्रेरणा मिलेगी और वे भी इसी तरह विश्व के शीर्ष वरियता प्राप्त विश्वविद्यालयों में शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय विद्यार्थियों के राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के एक्सपोजर के लिए विश्व स्तर के शिक्षण संस्थानों में संपर्क बनाए हुए है। अब विश्वविद्यालय के विद्यार्थी लगातार विश्व की शीर्ष वरियता प्राप्त विश्वविद्यालयों में शिक्षा ग्रहण करने के लिए जा रहे हैं।
कड़ी मेहनत का नतीजा है इसरो में चयन
विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर अधिष्ठाता डॉ. अतुल ढींगड़ा ने विद्यार्थी की कड़ी मेहनत की सराहना करते हुए अपनी पढ़ाई पूरी करने की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि छात्रा का कड़ी मेहनत के बल पर ही इसरो में चयन हुआ है। महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. अमरजीत कालड़ा ने कहा कि शिवांशी बहुत ही होनहार छात्रा है जिसने अपनी मेहनत के बल पर इस मुकाम को पाया है। भविष्य में भी वह यूं ही अपने लक्ष्य को हासिल करती रहेगी।
पिता भी विश्वविद्यालय के रह चुके हैं पूर्व छात्र
मूल रूप से रेवाड़ी जिले के गांव खुशपुरा की रहने वाली शिवांशी की प्रारंभिक पढ़ाई रेवाड़ी से जबकि दसवीं के बाद 12वीं तक की पढ़ाई झज्जर से की है। उसके बाद बीटेक के लिए एचएयू में दाखिला हो गया। पिता इंजीनियर विजय कुमार मेवात में कृषि विभाग में सहायक कृषि अभियंता के पद पर कार्यरत हैं जबकि माता पुष्पा यादव गृहिणी हैं। इस क्षेत्र में आने के लिए शिवांशी को प्रेरणा अपने पिता से मिली है। क्योंकि उनके पिता ने विश्वविद्यालय के कृषि अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय से ही स्नात्तक की पढ़ाई पूरी की है। इसके अलावा विश्वविद्यालय की ओर से विद्यार्थिर्यों के लिए आयोजित किए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय आदान-प्रदान कार्यक्रम, पुस्तकालय, शिक्षकों, हरसैक, अन्य स्टाफ सदस्यों व सहयोगी विद्यार्थियों का भरपूर सहयोग मिला है।
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