स्टाफ की कमी से जूझ रहा स्वास्थ्य विभाग, खड़ी-खड़ी कंडम हो रहीं एमएमयू

स्टाफ की कमी से जूझ रहा स्वास्थ्य विभाग, खड़ी-खड़ी कंडम हो रहीं एमएमयू
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क मोबाइल मेडिकल यूनिट कम से कम 20 से 25 लाख रुपये में तैयार होती है। स्वास्थ्य विभाग के पास केवल एक ही एमएमयू का स्टाफ है। इसी कारण दो गाड़ियां बिना स्टाफ के खड़ी हैं।

जींद। जिला मुख्यालय स्थित नागरिक अस्पताल में मरीजों को उपचार की बेहतर सुविधा के चाहे कितने ही दावे किए जाएं लेकिन यह सब दावे ही हैं। इस समय स्वास्थ्य विभाग के पास तीन मोबाइल मेडिकल यूनिट (एंबुलेंस) हैं लेकिन इनमें से एक ही कार्यरत है जबकि दो मोबाइल यूनिट खड़ी-खड़ी कंडम हो रही हैं। एक मोबाइल मेडिकल यूनिट कम से कम 20 से 25 लाख रुपये में तैयार होती है। स्वास्थ्य विभाग के पास केवल एक ही एमएमयू का स्टाफ है। इसी कारण दो गाड़ियां बिना स्टाफ के खड़ी हैं।

स्वास्थ्य निदेशालय ने दूरदराज के गांवों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने के लिए मोबाइल मेडिकल यूनिट (एमएमयू) शुरू की थी। इसमें एक मेडिकल ऑफिसर, एक फार्मासिस्ट, एक लैब तकनीशियन, एक स्टाफ नर्स की ड्यूटी होती है। प्रतिदिन यह मोबाइल मेडिकल यूनिट शहर से दूर के गांवों में जाती है तथा वहां पर लोगों का इलाज करती है। इसका लोगों को काफी लाभ होता है। एक तो लोगों को उनके घर के बाहर ही स्वास्थ्य सुविधाएं मिल जाती हैं। दूसरा यदि मरीज में कोई गंभीर लक्षण हों तो उसको समय पर नागरिक अस्पताल में रेफर कर दिया जाता है। शहर के दूर के लोग कई बार छोटी-छोटी बीमारियों के कारण अस्पतालों में नहीं पहुंच पाते। इस कारण धीरे-धीरे यह छोटी-छोटी बीमारियां उनके लिए घातक बन जाती हैं। जब यह बीमारियां घातक हो जाती हैं तो अस्पतालों में भी उनका इलाज करना मुश्किल हो जाता है। यदि समय रहते बीमारी का पता चल जाता है तो इलाज आसान हो जाता है। इसी सुविधा के लिए स्वास्थ्य विभाग ने मोबाइल मेडिकल यूनिट शुरू की। स्वास्थ्य विभाग के पास तीन गाड़ियां हैं, जिनमें मोबाइल मेडिकल यूनिट चलाई जाती है। इनमें से दो गाड़ियों के लिए स्टाफ ही उपलब्ध नहीं हैं। इस कारण यह गाड़ियां खड़ी-खड़ी कंडम हो रही हैं। एक यूनिट के लिए स्टाफ है, जो चल रही है। ऐसे में लोगों को उनके घर के बाहर ही स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल रही हैं।

केवल एक ही एमएमयू चल रही : डा. विनोद

नागरिक अस्पताल के एएमयू प्रभारी डा. विनोद कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के पास मोबाइल मेडिकल यूनिट के लिए तीन गाड़ियां हैं। इनमें से एक ही कार्यरत है, जबकि दो स्टाफ की कमी के कारण खड़ी हैं। एक गाड़ी का एसी खराब था, जिसे रिपेयर के लिए भेजा गया है। इसका एसी ठीक होते ही, इसमें स्टाफ की नियुक्ति करके इसे पर ग्रामीण क्षेत्रों में भेजा जाएगा। इसके अलावा स्टाफ की मांग की गई है, जल्द ही स्टाफ मिल जाएगा।

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