रोहतक चौहरा हत्याकांड में आज होगी सुनवाई, पुलिस ने चार्जशीट पेश कर कोर्ट को क्या बताया, जानिये

हरिभूमि न्यूज : रोहतक
विजय नगर के बहुचर्चित चौहरे हत्याकांड में पुलिस ने चार्जशीट कोर्ट में पेश कर दी है। अब इस मामले में सोमवार को सुनवाई हाेगी। एडवोकेट शिवराज मलिक अभिषेक की तरफ से पैरवी कर रहे हैं। पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में करीब 40 गवाह बनाए हैं। जिसमें डॉक्टर, पुलिस अधिकारी और कई आम आदमी शामिल हैं। इसके अलावा हत्याकांड में पहलवान का इकलौता बेटा अभिषेक मुख्य आरोपित बताया गया है। हत्याकांड में प्रयोग किया गया पिस्तौल भी उसके पास से बरामद दिखाया गया है। यह हथियार मकान में ही रखा जाता था। पुलिस ने चालान में बताया है कि अभिषेक परिवार से अलग होकर अपने मन मुताबिक जिंदगी जीना चाहता था। उसे घर से पूरा खर्च नहीं मिल रहा था।
अभिषेक का परिवार से प्रॉपर्टी का विवाद था। उसकी जिंदगी के रहन सहन को लेकर भी परिवार ऐतराज जताता था। साथ ही ऐसी ही कई वजह के चलते उसने हत्याकांड को अंजाम दिया है। पुलिस ने चालान में उसके करीबी दोस्त का भी जिक्र किया है। इसके अलावा किसी और व्यक्ति के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है। जिनका मृतक परिवार से कोई सीधा विवाद रहा हो। हालांकि पुलिस सूत्रों का कहना है कि पुलिस की जांच अभी खत्म नहीं हुई है। पुलिस को जांच के दौरान कुछ महत्वपूर्ण मिला तो उसका सप्लीमेंटरी चालान कोेर्ट में दोबारा पेश किया जा सकता है।
अगस्त में हुई थी चार लोगों की हत्या
27 अगस्त को विजय नगर में प्रॉपर्टी डीलर बबलू पहलवान, उसकी पत्नी बबली और उसकी सास रोशनी व बेटी नेहा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड से हर कोई हैरान रह गया था। कैसे एक परिवार पल भर में खत्म हो गया था। घर में कई दिन से विवाद चल रहा था। पुलिस ने पहलवान के 20 वर्षीय इकलौते बेटे अभिषेक को ही हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था। आरोपित ने पैसा न देने पर नाराज होकर वारदात को अंजाम दिया था। आरोपित तभी से न्यायिक हिरासत में है। उसके जेल जाने के बाद मकान में चोरी होने की शिकायत भी दर्ज करवाई गई थी। इसी मामले में पंजाब एवं हरियाण हाईकोर्ट ने रोहतक पुलिस से भी जवाब मांगा है।
दोस्त को बताया आरोपित
पुलिस ने शुरूआत में अभिषेक के दोस्त को भी आरोपित बताया था। जिससे कई दिनों तक पूछताछ की गई। लेकिन उसे आरोपित मानते हुए गिरफ्तारी नहीं की गई। पुलिस बार बार कहती रही कि वह रोहतक में होटल में जरूर रुका था लेकिन उसे कुछ नहीं पता था। अभिषेक वारदात के बाद होटल गया तो उसके दोस्त को कुछ शक हुआ था। फिर वह हत्याकांड का पता लगने पर अभिषेक के साथ उसके मकान पर भी आया था। पुलिस ने चार्जशीट की कानूनी सलाहकारों से स्टडी भी करवाई है।
चालान में फुटेज का जिक्र
पुलिस ने चालान में होटल की फुुटेज और विजय नगर के कैमरों की फुटेज का भी जिक्र किया है। मकान से बाहर जाते हुए और वापिस आते हुए केवल अभिषेक ही दिखाई दिया था, जिसके बाद उस पर शक बढ़ता चला गया था।
90 दिन के अंदर पेश किया गया चालान
कानून के अनुसार, किसी भी आपराधिक मामले में चालान संबंधित अदालत में 90 दिनों के अंदर-अंदर दायर करना जरूरी होता है। छोटे आपराधिक मामलों में यह समय सीमा 60 दिन है। यदि तय समय सीमा में पुलिस अपराधी का चालान नहीं पेश करती, तो इसका सीधा फायदा आरोपित को जमानत मिलने के रूप में मिल सकता है।
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