IAS अशोक खेमका की याचिका पर सुनवाई फिजिकल हियरिंग शुरू होने तक स्थगित

IAS अशोक खेमका की याचिका पर सुनवाई फिजिकल हियरिंग शुरू होने तक स्थगित
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अशोक खेमका (Ashok Khemka) ने कैट (केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण) की चंडीगढ़ पीठ के उस आदेश को हाई कोर्ट (High Court) में चुनौती दी है, जिसके तहत केंद्र में अतिरिक्त सचिव बनाने की उनकी मांग को कैट ने खारिज कर दिया था।

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट (Punjab and Haryana High Court) ने हरियाणा के आईएएस अधिकारी अशोक खेमका की एक याचिका पर सुनवाई फिजिकल हियरिंग शुरू होने तक स्थगित कर दी है। खेमका ने कैट (केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण) की चंडीगढ़ पीठ के उस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी है, जिसके तहत केंद्र में अतिरिक्त सचिव बनाने की उनकी मांग को कैट ने खारिज कर दिया था।

खेमका ने कहा कि उन्हें केंद्र में सेवाएं देनी हैं। ऐसे में उन्हें केंद्र में अतिरिक्त सचिव या समकक्ष पद पर नियुक्ति दी जाए। उन्होंने कई बार केंद्र में अतिरिक्त सचिव बनाए जाने के लिए आवेदन किया लेकिन बार-बार उनका आवेदन रद कर दिया गया। उन्होंने तीन अन्य ऐसे अफसरों के नाम दिए, जिन्होंने आवेदन भी नहीं किया था, लेकिन उन्हेंं केंद्र में अतिरिक्त सचिव बना दिया गया।

कैट ने खेमका की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि केंद्र का कैडर एक्स कैडर है। यहां पर नियुक्ति के लिए कोई दावा नहीं कर सकता है। दावा करने के स्थान पर याचिकाकर्ता को इसके लिए अपनी सेवाओं के स्तर पर और अधिक बेहतर कार्य करना चाहिए। एक्स कैडर में नियुक्ति के लिए न्यूनतम तीन वर्ष का डिप्टी सेक्रेटरी पद का अनुभव अनिवार्य है। कैट द्वारा याचिका खारिज किए जाने को अशोक खेमका ने गलत करार देते हुए हाई कोर्ट से कैट के आदेश को रद करने की अपील की है।

इस मामले में केंद्र ने हाई कोर्ट में जवाब दायर कर साफ कर दिया था कि खेमका के पास केंद्र में काम करने का अनुभव नहीं था। इसीलिए उनके नाम पर गौर नहीं किया गया है। केंद्र सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के अंडर सेक्रेटरी सुबंधु बासु ने हाई कोर्ट में हलफनामा दायर कर बताया था कि केंद्र में अतिरिक्त सचिव के पद पर नियुक्ति के लिए केंद्र में डेपुटेशन पर डिप्टी सचिव के पद पर कम से कम तीन वर्षों का अनुभव होना अनिवार्य है।

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