अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव -2020 को यादगार बनाने के लिए हेरिटेज लुक दिया जाएगा

हरिभूमि न्यूज. कुरुक्षेत्र
अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव- 2020 की नोडल अधिकारी एवं केडीबी की सदस्य सचिव जी अनुपमा ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव 2020 को यादगार बनाने के लिए हेरिटेज लुक देने का प्रयास किया जाए। इस वर्ष महोत्सव के सभी कार्यक्रमों को सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्रणाली से दिखाया जाए और देश विदेश के लोगों को साथ जोडा जाए। इसके साथ ही वैश्विक गीता पाठ का भव्य आयेाजन किया जाए तथा दीप महोत्सव में अधिक से अधिक संस्थाओं को साथ जोडा जाए। इस वर्ष महोत्सव को नया स्वरूप देने का काम किया जाए।
केडीबी सदस्य सचिव जी अनुपमा शुक्रवार को देर सांय चंडीगढ से वीडियो कान्फ्रेसिंग के जरिए अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2020 की तैयारियों की समीक्षा कर रही थी। उन्होंने 17 दिसम्बर से 25 दिसंबर 2020 तक अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव 2020 में होने वाले सभी कार्यक्रमों की तैयारियों को लेकर केडीबी के मानद सचिव मदन मोहन छाबडा, एसडीएम अखिल पिलानी, केडीबी के सीईओ अनुभव मेहता, अंडर ट्रेनिंग आईएएस वैशाली सिंह, एनआईसी अधिकारी विनोद सिंगला सहित केडीबी के सदस्यों उपेन्द्र सिंघल, विजय नरूला, राजेन्द्र पराशर, रविन्द्र सांगवान से भी फीडबैक लेकर सभी कार्यक्रमों को बेहतर बनाने पर चर्चा की है।
सोशल मीडिया से लाइव टेलीकास्ट
उन्होंने कहा कि 17 दिसंबर से 25 दिसंबर तक ब्रह्मसरोवर पुरूषोत्तमपुरा बाग में आरती स्थल के लिए अच्छी तरह से आयोजन किया जाए। इस आयोजन का सोशल मीडिया से लाइव टेलीकास्ट किया जाए और इस कार्यक्रम के साथ संस्कृत विश्वविद्यालय कैथल को साथ जोडा जाए। उन्होंने कहा कि 25 दिसंबर को सायं के समय दीप दान कार्यक्रम में सभी संस्थाओं के सहयोग से दीप जलाएं जाए और एनआईडी के माध्यम से डिजाइन तैयार करके सभी संस्थाओं को जगह उपलब्ध करवाई जाएं और कम से कम 2 लाख दीप जलाने का प्रयास किया जाए। इस विषय को जहन में रखकर ही तैयारी की जाए, सभी संस्थाओं से अनुरोध भी किया जाए कि दीप महोत्सव में भाग लेने के लिए आगे आए और इस दीप महोत्सव का आयोजन 48 कोस के 134 तीर्थों के साथ-साथ कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर, ज्योतिसर, सन्निहित सरोवर के साथ-साथ पिहोवा के सरस्वती तीर्थ पर भी अधिक से अधिक दीप जलाएं जाए।
दीपोत्सव का दृश्य अनुठा होगा
इस दीपोत्सव का दृश्य अनुठा होना चाहिए ताकि ड्रोन के माध्यम से इस अदभुत दृश्य को पूरा विश्व देख सके। इस महोत्सव के लिए अभी तक गीता धाम द्वारा 2100, हयूमोनिटेरियन फाउंडेशन द्वारा 1 हजार, प्रजापति धर्मशाला द्वारा 1 हजार, गुज्जर धर्मशाला द्वारा 1100, श्री वैश्य अग्रवाल पंचायत द्वारा 1 हजार, सैनी समाज द्वारा 1100 दीपक अपने-अपने खर्च पर जलाने की सहमति केडीबी को मिल चुकी है।
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