हाईकोर्ट की टिप्पणी : कैदी को पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल होने से वंचित नहीं रख सकते, हत्या आरोपी को दी पैरोल

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ( Punjab And Haryana High Court ) ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में हत्या के एक आरोपित को पैरोल देते हुए कहा कि किसी कैदी को किसी महत्वपूर्ण पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल होने से वंचित नहीं किया जा सकता, क्योंकि कैदी के करीबी रिश्तेदार ही आमतौर पर कैदी के परिवार के सदस्यों की देखभाल करते हैं। कैदी के ऐसे करीबी रिश्तेदारों के किसी महत्वपूर्ण पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल होने से कैदी को वंचित नहीं किया जा सकता। जस्टिस अनूप चितकारा ने पारिवारिक विवाह में शामिल होने के आधार पर पैरोल देने की मांग कर रहे एक कैदी द्वारा दायर याचिका पर विचार करते हुए उक्त टिप्पणी की।
कोर्ट ने कहा कि हालांकि याचिकाकर्ता पैरोल नियमों के तहत पैरोल पाने का हकदार नहीं है, किंतु यदि तथ्य और परिस्थितियां इस तरह के पैरोल को सही ठहराती हैं तो भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत पैरोल दी जा सकती है। कोर्ट ने कहा कि परिवार के सदस्य और करीबी रिश्तेदार, दोस्त और पड़ोसी आमतौर पर कैद में रहने वाले व्यक्ति के परिवार के सदस्यों की देखभाल करते हैं। कैदी भी उनके सहयोग, समर्थन और यहां तक कि वित्तीय मदद के लिए वन पर निर्भर रहता है। बदले में ऐसे व्यक्ति भी कैदी से अपने पवित्र पारिवारिक कार्यों में भाग लेने की उम्मीद करते है यह जानते हैं हुए भी कि उसकी उपस्थिति सामाजिक बहिष्कार या जोखिम से भरी है। हाईकोर्ट ने यह आदेश सालावास जिला झज्जर निवासी नवीन कुमार की पैरोल की मांग पर सुनवाई करते हुए दिया।
याचिकाकर्ता हत्या, आर्म्स एक्ट के तहत अपराधों में सजा काट रहा है। याचिकाकर्ता ने संबंधित जेल अधीक्षक को लिखित अनुरोध कर अपने भांजे की शादी में जाने के लिए पैरोल मांगी थी लेकिन जेल अधीक्षक ने उस पर कोई निर्णय नहीं लिया। इसके बाद याची ने हाई कोर्ट याचिका दायर कर पैरोल की मांग की। उसकी दलील थी कि याची अपने भांजे का एकमात्र मामा है और उसके लिए हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार धार्मिक भूमिकाएं निभाना महत्वपूर्ण है। कोर्ट ने मांग स्वीकार करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता को आवश्यक बांड भरने का आदेश देते हुए चौदह दिनों के लिए पैरोल देने का आदेश दिया।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS