ऑनर किलिंग के मामलों को लेकर हाई कोर्ट सख्त, सरकार को पुलिस को छह महीने के अंदर केस निपटाने के निर्देश

ऑनर किलिंग के मामलों को लेकर हाई कोर्ट सख्त, सरकार को पुलिस को छह महीने के अंदर केस निपटाने के निर्देश
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पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ के सभी सेशन जज, पुलिस प्रमुखाें व सरकार को निर्देश दिए हैं कि ऑनर कीलिंग के मामलों में आवश्यक हो तो गवाहों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए कठोर तरीके अपनाए जा सकते हैं।

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ के सभी सेशन जज, पुलिस प्रमुखाें व सरकार को निर्देश दिए हैं कि ऑनर किलिंग मामलों का निपटान छह महीने की समय सीमा में सुनिश्चत करें। हाई कोर्ट ने ऐसे मामलाें की सुनवाई दिन-प्रतिदिन करने का भी निर्देश दिया। कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि आवश्यक हो तो गवाहों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए कठोर तरीके अपनाए जा सकते हैं। कोर्ट ने मामलों की जांच पूरी करने के लिए 60 से 90 दिनों की एक और समय सीमा भी निर्धारित करने को कहा है।

इसके साथ ही हाई कोर्ट के जस्टिस ए के त्यागी ने पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के सभी सेशन जज को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि ऑनर किलिंग के मामलों को नामित अदालत/फास्ट ट्रैक कोर्ट/एक क्षेत्राधिकार अदालत को सौंपा जाए। ऐसी अदालतों को सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार छह महीने के भीतर मामलों का शीघ्र निपटान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया था। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यह निर्देश लंबित मामलों पर भी लागू होगा।

हाई कोर्ट ने हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ प्रशासन को राज्य स्तर पर गृह सचिव, वित्त सचिव, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, और राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरणों के सदस्य सचिव की एक महीने के भीतर कमेटी का गठने करने को कहा। यह कमेटियां तीन महीने के भीतर इस विषय पर अपनी सिफारिशों देगी। लेकिन कमेटी अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने से पहले सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के निर्देशों के अनुपालन के संबंध में सभी प्रासंगिक मुद्दों की जांच करेंगी। इसी रिपोर्ट के आधार पर सरकार नीति-आधारित कार्रवाई करेगी। कमेटी समय-समय पर की निगरानी भी करेगी।

इसी मामले में हाई कोर्ट ने पूर्व में हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ के पुलिस महानिदेशकों को प्रत्येक जिले में एक डेटा बेस सेल बनाने का आदेश दिया था। डेटा को देखकर मामले की गंभीरता के अनुसार पुलिस व कोर्ट उचित कदम व आदेश जारी कर सकेंगे।

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