Haryana में मेडिकल ऑफिसरों की नियुक्त पर हाई कोर्ट ने जताया असंतोष, सरकार से कहा बेहतर जवाब के साथ आएं

Haryana में मेडिकल ऑफिसरों की नियुक्त पर हाई कोर्ट ने जताया असंतोष, सरकार से कहा बेहतर जवाब के साथ आएं
X
मामले की सुनवाई (Hearing) के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि बड़ा सवाल यह है कि चिकित्सा अधिकारियों के 447 विज्ञापित पदों के पर 642 उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र कैसे जारी कर दिए गए। शुक्रवार को सरकार ने इस मामले में हाई कोर्ट में जो जवाब दायर किया कोर्ट ने उस पर असंतोष जताते हुए बेहतर जवाब के साथ मंगलवार को बहस करने का निर्देश दिया।

चण्डीगढ़। हरियाणा में मेडिकल आफिसरों (Medical officers) की भर्ती में 642 को नियुक्ति पत्र देने देने में सरकार (Government) फसती नजर आ रही है। शुक्रवार को सरकार ने इस मामले में कोर्ट में जो जवाब दायर किया कोर्ट ने उस पर असंतोष जताते हुए बेहतर जवाब के साथ मंगलवार को बहस करने का निर्देश दिया।

हाई कोर्ट के तेजिंदर सिंह ढींडसा ने भर्ती प्रकिया पर कुछ सवाल भी उठाए। मामले की सुनवाई 18 अगस्त को होगी। मामले की सुनवाई के दौरान याची के वकील ने बेंच को बताया कि हरियाणा सरकार ने 1 जनवरी 2020 को जारी एक विज्ञापन में वॉक-इन-इंटरव्यू के माध्यम से एचसीएमएस-ग्रुप-ए में चिकित्सा अधिकारियों के 447 खाली पदों को भरने के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे। याचिकाकर्ता पात्र थे और सामान्य श्रेणी के तहत उक्त पदों के लिए भी आवेदन किया था।

16 जून को राज्य सरकार ने एक आम नियुक्ति आदेश जारी किया जिसमें 447 विज्ञापित पदों से अधिक 642 नव नियुक्त चिकित्सा अधिकारियों की सूची थी। मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि बड़ा सवाल यह है कि चिकित्सा अधिकारियों के 447 विज्ञापित पदों के पर 642 उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र कैसे जारी कर दिए गए। वकील का तर्क है कि राज्य सरकार विज्ञापित संख्या से अधिक पदों को नहीं भर सकती। याची ने सरकार द्वारा जारी इन चिकित्सा अधिकारियों के नियुक्ति आदेश को रद करने की मांग की है। याची के अनुसार यह नियुक्ति गैर कानूनी व अवैध है। इसलिए इस भर्ती को रद किया जाए।

Tags

Next Story