केजरीवाल के खिलाफ बयान देने के मामले में कुमार विश्वास को हाईकोर्ट से बड़ी राहत, अलका लांबा ने भी लगाई याचिका

केजरीवाल के खिलाफ बयान देने के मामले में कुमार विश्वास को हाईकोर्ट से बड़ी राहत, अलका लांबा ने भी लगाई याचिका
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कुमार विश्वास ने दायर याचिका में कहा था कि 12 फरवरी को दिए उनके इंटरव्यू को लेकर 12 अप्रैल को उनके खिलाफ यह एफ.आई.आर. दर्ज की गई जबकि उन्होंने इंटरव्यू मुम्बई में दिया था। लेकिन एफआईआर पंजाब में रोपड़ में दर्ज कर दी गई, वह भी शिकायत की कोई जांच किए बिना ही।

आम आदमी पार्टी के पूर्व और संस्थापक सदस्य और कवि कुमार विश्वास जिनके खिलाफ रोपड़ में एफआईआर दर्ज की गई है, उस एफआईआर पर किसी भी किस्म की कार्रवाई और उनकी गिरफ़्तारी पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने रोक लगाते हुए कुमार विश्वास को बड़ी राहत दे दी है। सोमवार को जस्टिस अनूप चितकारा ने कुमार विश्वास द्वारा उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द किये जाने की मांग को लेकर दायर याचिका पर अपना अंतरिम फैसला सुनाते हुए कहा कि पुरे मामले को देखने के बाद इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि याचिकाकर्ता के खिलाफ यह एफआईआर राजनीति से प्रेरित लगती है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने कहा कि जहां हाईकोर्ट को लगे कि क़ानूनी प्रक्रिया का दुरूपयोग किया जा रहा है।

उसमें हाईकोर्ट को दखल देना बेहद जरुरी हो जाता है इसके अलावा हाई कोर्ट ने कहा कि कुमार विश्वास की इंटरव्यू 12 फरवरी में हुई थी, जिसमे उन्होंने दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल के खिलाफ बयान दिया था। लेकिन एफआईआर 12 अप्रैल को रोपड़ में दर्ज करवा दी गई कि इस इंटरव्यू के कारण शिकायतकर्ता पर 10-12 लोगों ने हमला किया था, लेकिन हमला करने वालों में कुमार विश्वास शामिल ही नहीं था, तो कैसे उनके खिलाफ मामला दर्ज करवाया जा सकता है। हाईकोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्ट्या इस मामले में याचिकाकर्ता के खिलाफ मामला बनता नजर नहीं आ रहा है।

बता दें कि कुमार विश्वास ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि उनके खिलाफ 12 अप्रैल को रोपड़ के सदर पुलिस थाने में दर्ज की गई यह एफआईआर न सिर्फ कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन कर की गई है। कुमार विश्वास ने दायर याचिका में कहा था कि 12 फरवरी को दिए उनके इंटरव्यू को लेकर 12 अप्रैल को उनके खिलाफ यह एफआईआर दर्ज की गई जबकि उन्होंने इंटरव्यू मुम्बई में दिया था। लेकिन एफआईआर पंजाब में रोपड़ में दर्ज कर दी गई, वह भी शिकायत की कोई जांच किए बिना ही। 12 अप्रैल को दर्ज इस एफआईआर की कॉपी दस दिनों बाद 22 अप्रैल दोपहर 3 बज कर 20 मिनट में उन्हें दी गई। कुमार विश्वास ने कहा कि यह एफआईआर उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का न सिर्फ हनन है, बल्कि राजनितिक रंजिश के तहत दर्ज की गई है, ऐसे में इस एफआईआर को रद्द किया जाए।

अलका लांबा भी पहुंचीं हाईकोर्ट

कवि कुमार विश्वास के बाद अब कोंग्रेसी नेता अलका लांबा ने उनके खिलाफ रोपड़ में दर्ज मामले को रद्द करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी है, जिस पर हाईकोर्ट एक-दो दिनों में सुनवाई कर सकता है। काबिलेगौर है कि कुमार विश्वास और अलका लांबा दोनों के खिलाफ रोपड़ में 12 अप्रैल एफआईआर दर्ज की गई है, कुमार विश्वास पहले ही अपने खिलाफ दर्ज मामले को रद्द करने की मांग को लेकर याचिका दायर कर चुके हैं और हाई कोर्ट आज उनके खिलाफ कावाई और गिरफ़्तारी पर भी रोक लगा चुका है। इसी एफआईआर में अलका लांबा को भी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर टिपप्णी करने को लेकर नामजद किया गया है, अब अलका लांबा ने भी अपने खिलाफ दर्ज इस एफआईआर रद्द करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी है।

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