हाईकोर्ट ने हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड को अवमानना नोटिस किया जारी, 30 तक मांगा जवाब, जानें पूरा मामला

हाईकोर्ट ने हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड को अवमानना नोटिस किया जारी, 30 तक मांगा जवाब, जानें पूरा मामला
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अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों के 10वीं व 12वीं के छात्रों के बोर्ड परीक्षा फार्म स्वीकार करने के आदेश के बावजूद मान्यता अवधि एक वर्ष न बढ़ाने व इन स्कूलों के छात्रों के परीक्षा फार्म स्वीकार न करने पर हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है।

हरियाणा के अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों के 10वीं व 12वीं के छात्रों के बोर्ड परीक्षा फार्म स्वीकार करने के आदेश के बावजूद मान्यता अवधि एक वर्ष न बढ़ाने व इन स्कूलों के छात्रों के परीक्षा फार्म स्वीकार न करने पर हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। मंगलवार को हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड को अवमानना नोटिस जारी कर 30 दिसम्बर तक जवाब देने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट इससे पहले माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब कर चुका है।

याचिका दाखिल करते हुए सर्व हरियाणा प्राइवेट स्कूल ट्रस्ट ने एडवोकेट पंकज मानी के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए बताया कि हरियाणा सरकार ने 10वीं व 12वीं की बोर्ड परीक्षा के लिए आवेदन करने का नोटिस जारी किया था। जब याची एसोसिएशन के स्कूलों ने अपने छात्रों के आवेदन दिए तो बोर्ड ने इन्हें स्वीकार करने से इन्कार कर दिया। पिछले साल बोर्ड ने इन स्कूलों को अस्थाई मान्यता देते हुए यह शर्त रखी थी कि यह स्कूल 2022-23 सत्र के लिए छात्रों को प्रवेश नहीं देंगे।याची स्कूलों ने छात्रों को प्रवेश दिया और जब बोर्ड परीक्षा के लिए फार्म अपलोड करने का समय आया तो बोर्ड ने इस सत्र के लिए फार्म स्वीकार करने से इन्कार कर दिया। याची स्कूलों ने कहा कि इस प्रकार आवेदन स्वीकार करने से इनकार के चलते याची स्कूलों के हजारों छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है। याची स्कूल प्रदेश के 2003 से पहले के अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूल हैं और उनके छात्रों के आवेदन को स्वीकार किया जाना चाहिए।

इसके साथ ही इस सत्र के लिए स्कूलों की अस्थाई मान्यता की अवधि को बढ़ाया जाना चाहिए। हाईकोर्ट ने 22 नवंबर को निजी स्कूलों के छात्रों के परीक्षा फार्म को स्वीकार करने का हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड को आदेश दिया था। स्कूलों की ओर से अब अवमानना याचिका दाखिल करते हुए बताया गया कि कोर्ट के आदेश के चलते बोर्ड ने माध्यमिक शिक्षा विभाग को 30 नवंबर को पत्र लिखा था। इसके बावजूद मान्यता अवधि न बढ़ने के चलते बोर्ड फार्म स्वीकार नहीं कर पा रहा है। हाईकोर्ट ने अब इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए बोर्ड को को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब मांग लिया है।

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