हरियाणा वक्फ बोर्ड के सदस्यों को नामित करने की अधिसूचना हाईकोर्ट ने की खारिज

हरियाणा वक्फ बोर्ड के सदस्यों को नामित करने की अधिसूचना हाईकोर्ट ने की   खारिज
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अब सदस्यों का नए सिरे से नियमों के अनुरूप चयन होगा और उसके बाद ही अध्यक्ष का चुनाव संपन्न हो पाएगा। खास बात यह रही कि हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट में माना कि सदस्यों को नामित करते हुए तय प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था।

हरियाणा वक्फ बोर्ड सदस्यों को नामित करने की प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिका को स्वीकार करते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सदस्यों को नामित करने की अधिसूचना को खारिज कर दिया है। ऐसे में अब सदस्यों का नए सिरे से नियमों के अनुरूप चयन होगा और उसके बाद ही अध्यक्ष का चुनाव संपन्न हो पाएगा। खास बात यह रही कि हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट में माना कि सदस्यों को नामित करते हुए तय प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था।

एडवोकेट मोहम्मद अरशद ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल करते हुए बताया था कि हरियाणा वक्फ बोर्ड एक्ट 1995 में बना था जिसे 2013 में संशोधित किया गया। एक्ट में चुनाव और अन्य प्रक्रियाओं के लिए तय प्रावधान है और इन प्रावधानों के अनुरूप ही बोर्ड का संचालन होता है। एक्ट के अनुरूप बोर्ड के सदस्यों को नामित करने की तय प्रक्रिया है। सरकार चाहे तो इन्हें खुद नामित कर सकती है लेकिन इसके लिए उसे लिखित में इसका कारण सौंपना जरूरी है। याची ने कहा था कि पूर्व विधायक जाकिर हुसैन को नामित करते हुए सारी प्रक्रियाओं को दर किनार कर दिया गया। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान हाईकोर्ट को हरियाणा सरकार ने विश्वास दिलाया था कि जब तक हाईकोर्ट से अनुमति नहींं ली जाएगी तब तक चेयरमैन का चुनाव भी नहीं होगा। अब जब मामला सुनवाई के लिए वीरवार को पहुंचा तो हरियाणा सरकार ने माना कि तय प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था और अधिसूचना को वापिस ले लिया जाएगा। इसपर हाईकोर्ट ने याचिका को मंजूर करते हुए सदस्यों को नामित करने की अधिसूचना को खारिज कर दिया।

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