हाई कोर्ट ने बेटे को रोहिंग्या शरणार्थी शिविर में स्थानांतरित करने का आदेश दिया

हाई कोर्ट ने बेटे को रोहिंग्या शरणार्थी शिविर में स्थानांतरित करने का आदेश दिया
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हाई कोर्ट के जस्टिस गुरविंदर सिंह गिल ने यह आदेश एक मां (जुलाहा @ जुलाहा यूसुफ) द्वारा बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका का निपटारा करते हुए दिया।

Haryana : पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब व केंद्र सरकार को निर्देश दिया वह अमृतसर डिटेंशन सेंटर से याचिकाकर्ता के बेटे को मेवात जिले की नूंह तहसील में रोहिंग्या शरणार्थी शिविर में स्थानांतरित करे ताकि मां व बेटा एक साथ रह सके। हाई कोर्ट के जस्टिस गुरविंदर सिंह गिल ने यह आदेश एक मां (जुलाहा @ जुलाहा यूसुफ) द्वारा बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका का निपटारा करते हुए दिया।

याचिका में जुलाहा यूसुफ रोहिंग्या शरणार्थी महिला ने हाई कोर्ट को बताया कि वो रोहिंग्या शरणार्थी है, वह मेवात जिले की नूंह तहसील में रोहिंग्या शरणार्थी शिविर में रहती है। जबकि उसका बेटा सैद उल्ला अमीन डिटेंशन सेंटर, अमृतसर में बंद है। उसके पुत्र के खिलाफ देश में अवैध तरीके से रहने का आरोप है जबकि उसे शरणार्थी का दर्जा मिला हुआ है। याचिका में हाई कोर्ट से आग्रह किया गया कि उनको वापिस भेजे जाने तक पुत्र को अमृतसर से उसके साथ मेवात जिले की नूंह तहसील में रोहिंग्या शरणार्थी शिविर में स्थानांतरित किया जाए।

सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट में कहा कि याचिकाकर्ता को हस्तांतरित किए जाने के मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय कोई आपत्ति नहीं है, बशर्ते पंजाब व हरियाणा सरकार को कोई आपत्ति न हो। इस पर पंजाब व हरियाणा की तरफ से कहा गया कि उनको इस पर कोई आपत्ति नहीं है।

सभी पक्षों को सुनने के बाद हाई कोर्ट ने पंजाब के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कारागार) को निर्देश दिया कि वो याची के पुत्र को नूंह रोहिंग्या शरणार्थी शिविर में स्थानांतरित करने का उचित प्रंबध करे।

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