बंगाल की युवती से दुष्कर्म मामला : हाई कोर्ट ने आरोपित को अग्रिम जमानत देने से किया इंकार

टीकरी बार्डर पर कोरोना से मरने वाली पश्चिम बंगाल की युवती से दुष्कर्म के मामले में आरोपित अंकुर की अग्रिम जमानत की मांग को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट (Punjab and Haryana High Court) ने खारिज कर दिया है। मंगलवार को जस्टिस जे एस पुरी की बेंच के सामने हरियाणा के एडीशनल एडवोकेट जनरल दीपक संभरवाल ने कहा कि आरोपित पर गंभीर आरोप है, इस लिए हिरासत में पूछताछ जरूरी है। अगर इसे अग्रिम जमानत का लाभ दिया जाता है तो जांच प्रभावित हो सकती है। सरकारी पक्ष की दलील सुनने के बाद हाई कोर्ट ने अंकुर की अग्रिम जमानत की मांग को खारिज कर दिया। इसी मामले में बहादुरगढ़ के डीएसपी पवन कुमार का एक हलफनामा हाई कोर्ट में पेश किया गया, हलफनामा में युवती व उसके पिता के बीच बातचीत की पूरी जानकारी दी गई।
हलफनामा में जानकारी दी गई कि युवती व उसके पिता के बीच बातचीत की वीडियो क्लिप युवती के पिता जो शिकायतकर्ता है ने पुलिस को 9 मई को सौंपी थी। इसके अनुसार युवती ने अपने पिता को बताया कि बताया था कि ट्रेन में रात के समय जब सब सो रहे थे तो अनिल लड़की (पीड़िता) के पास आया था और उसका हाथ पकड़कर उसे किस करने लगा। जिसके बाद लड़की ने उसे दोबारा ऐसा न करने की चेतावनी दी। टिकरी बॉर्डर पहुंचने के बाद लड़की को अनिल मलिक, अनूप सिंह और अंकुर सांगवान के साथ टेंट शेयर करना पड़ा। लड़की ने अपने पिता से ये भी कहा था कि ये लोग उसपर दबाव बना रहे हैं और उसे लगातार ब्लैकमेल कर रहे हैं।
16 अप्रैल को पीड़िता ने अपने पिता को बताया कि उसने अपनी आपबीती योगिता और जगदीश से साझा की है। आरोपित अंकुर ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि उस पर जो आरोप लगाए हैं, वह निराधार है। याचिका में नौ मई को बहादुरगढ़ पुलिस स्टेशन में इस मामले को लेकर दर्ज एफआइआर में गिरफ्तार होने की आशंका के चलते अंकुर ने अग्रिम जमानत देने की मांग की है।बंगाल की एक युवती की कोरोना संक्रमित होने की वजह से मौत हो गई थी, लेकिन उसके पिता ने युवती के साथ दुष्कर्म होने का आरोप लगाया था। मृतक युवती के पिता के बयान पर बहादुरगढ़ शहर थाना में मामला दर्ज हुआ है।
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