High Court ने केंद्र व राज्य सरकार से मांगा जवाब, पूछा आईएएस खेमका को केंद्र में अतिरिक्त सचिव की कमान क्यों नहीं दी जा रही

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा के वरिष्ठ आइएएस अधिकारी अशोक खेमका (Ashok Khemka) की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र व राज्य सरकार को आदेश दिया है कि वो दस दिन के भीतर इस मामले में अपना जवाब दायर करे।
खेमका ने ने कैट (केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण) चंडीगढ़ बेंच के उस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी है जिसके तहत केंद्र में अतिरिक्त सचिव बनाने की उसकी मांग को कैट ने खारिज कर दिया था। इसी के साथ हाई कोर्ट के जस्टिस आरके जैन पर आधारित बेंच ने मामले की सुनवाई 3 सितम्बर तक स्थगित कर दी।
खेमका ने कहा कि उन्हें केंद्र में सेवाएं देनी हैं। ऐसे में उन्हें केंद्र में अतिरिक्त सचिव या समकक्ष पद पर नियुक्ति दी जाए। उन्होंने कई बार केंद्र में अतिरिक्त सचिव बनाए जाने के लिए आवेदन किया लेकिन बार-बार उनका आवेदन (application) रद कर दिया गया। उन्होंने तीन अन्य ऐसे अफसरों के नाम दिए जिन्होंने आवेदन भी नहीं किया था फिर भी उन्हेंं केंद्र में अतिरिक्त सचिव बना दिया गया।
कैट ने खेमका की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि केंद्र का कैडर एक्स कैडर है। यहां पर नियुक्ति के लिए कोई दावा नहीं कर सकता है। यह अक्सर देखा जाता है कि केंद्र की इंपैनलमेंट के लिए आवेदन किया जाता है, लेकिन दावा करने के स्थान पर याचिकाकर्ता को इसके लिए अपनी सेवाओं के स्तर पर और अधिक बेहतर कार्य करना चाहिए।
एक्स कैडर में नियुक्ति के लिए न्यूनतम तीन वर्ष का डिप्टी सेक्रेटरी पद का अनुभव अनिवार्य है। कैट द्वारा याचिका खारिज किए जाने को याचिकाकर्ता ने गलत करार देते हुए हाई कोर्ट से कैट के आदेश को रद करने की अपील की है।
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