पंडित लखमीचंद यूनिवर्सिटी की छात्रा से छेड़छाड़ मामले में हाईकोर्ट ने मांगा जवाब, कहा- दिया जाए पर्याप्त मुआवजा

चंडीगढ़। पंडित लखमीचंद यूनिवर्सिटी के टूर के दौरान छात्रा से छेड़छाड़ होने और इसके बाद उसके यूनिवर्सिटी छोडऩे के मामले में हाईकोर्ट ने छात्रा को मुआवजा देने को लेकर यूनिवर्सिटी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
गुरुग्राम निवासी सतबीर सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए उसे बर्खास्त करने के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। याची ने बताया कि उसे बिना नियमित जांच के बर्खास्त किया गया है। याचिका का विरोध करते हुए रोहतक की पंडित लखमी चंद यूनिवर्सिटी की ओर से बताया गया कि एक टूर के दौरान याची ने एक छात्रा से छेड़छाड़ की थी। याची उस टूर का कॉर्डिनेटर था और टूर से लौट कर छात्रा ने यूनिवर्सिटी छोड़ दी। हाई कोर्ट ने पूछा कि छात्रा कौन से वर्ष में थी तो यूनिवर्सिटी ने बताया कि वह प्रथम वर्ष की छात्रा थी और उसे फीस रिफंड कर दी गई है। हाई कोर्ट ने कहा कि छात्रा से जब छेड़छाड़ हुई तो वह यूनिवर्सिटी के टूर पर थी। यूनिवर्सिटी छात्राओं की भलाई और सुरक्षा से मुंह नहीं मोड़ सकती। टूर के बाद छात्रा ने यूनिवर्सिटी छोड़ दी ऐसे में उसे पर्याप्त मुआवजा मिलना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि केवल फीस रिफंड करना काफी नहीं है। अब मुआवजे की राशि को लेकर हाईकोर्ट ने यूनिवर्सिटी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
वहीं याची ने कहा कि अभी ट्रायल लंबित है और उसे दोषी करार नहीं दिया गया है। ऐसे में बर्खास्तगी का आदेश सही नहीं है और इस पर रोक लगाई जाए। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि याची पर गंभीर आरोप है। ऐसा कोई कारण फिलहाल मौजूद नहीं है जिसके चलते आदेश पर रोक लगाई जाए।
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