काॅलेजों के रिटायर्ड प्रिंसिपलों को री-इम्प्लॉयमेंट देने के आदेश पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

हरियाणा सरकार द्वारा राज्य के सरकारों कॉलेजों के रिटायर्ड प्रिंसिपलों को री -इम्प्लॉयमेंट देकर प्रिंसिपलों के रिक्त स्थानों पर नियुक्त किए जाने के आदेशों पर हाईकोर्ट ने रोक लगाते हुए हरियाणा सरकार को 13 जुलाई के लिए नोटिस जारी कर जवाब मांग लिया है।
जस्टिस लीजा गिल ने यह रोक इस मामले को लेकर सत्यपाल सिंह सहित अन्य द्वारा एडवोकेट विजयपाल के जरिए दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए हैं। दायर याचिका में याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट को बताया है कि वह सरकारी कॉलेजों में कार्यरत हैं और इस वरिष्ठता के औसर उन्हें कॉलेजों के प्रिंसिपलों के पद पर प्रमोशन दी जानी चाहिए थी। राज्य में इस समय 173 सरकारी कॉलेज हैं और इनमे से 25 प्रतिशत में प्रिंसिपल के पद पर सीधे नियुक्ति की जाती है और बाकी के 75 प्रतिशत पदों पर प्रमोशन के जरिए नियुक्तियां की जाती है इस लिहाज से 42 पदों पर सीधे और 139 पदों पर प्रमोशन के जरिए नियुक्तियां की जाती है
याचिकाकर्ताओं ने बताया कि इस समय प्रिंसिपलों के जिन 42 पदों पर सीधे नियुक्ति की जाती है उनमे से 38 पद खाली हैं और 139 पद जिन पर प्रमोशन के जरिए नियुक्तियां की जाती हैं उनके 109 पद खाली हैं। इन पदों पर सरकार ने रिटायर्ड प्रिंसिपलों को री-इम्प्लॉयमेंट से नियुक्तियां करनी शुरू कर दी है। इस तरह याचिकाकर्ताओं से प्रमोशन का अधिकार छीना जा रहा है। हाईकोर्ट ने याचिका पर हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांग लिया है और साथ ही रिटायर्ड प्रिंसिपलों को री-इम्प्लॉयमेंट दे नियुक्त किए जाने पर रोक भी लगा दी है।
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