हाईकोर्ट का चला हथौड़ा, जिला समाज कल्याण अधिकारी को किया तलब, पूछा- क्या है ये फर्जी बुढ़ापा पेंशन माजरा

हरिभूमि न्यूज. सफीदों। उपमंडल के गांव रजानाकलां मे नियमों को ताक में रखकर बनवाई गई बुढापा पैंशन के मामले में समाज कल्याण विभाग ने 58 फर्जी बुढापा पैंशन लेने वाले लोगों को रिकवरी के नोटिस (Notice) जारी किए हैं।
गांव में 74 लोगों द्वारा फर्जी तरीके पर बुढापा पैंशन लेने की याचिका हाईकोर्ट में दायर की थी। विभाग ने ऐसे 16 लोगों की बुढापा पैंशन पिछले सप्ताह काट दी थी। उन लोगों को भी विभाग रिकवरी के नोटिस भेजने की तैयारी कर रहा है। गांव रजाना कलां निवासी दलबीर सिंह ने सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत गांव की बुढापा पैंशन के बारे में जानकारी मांगी थी।
जिसमे 74 लोग ऐसे पाए गए थे जिन्होंने उम्र को ताक में रखकर बुढापा पैंशन बनवाकर उसका लाभ ले रहे थे। जिसकी शिकायत समाज कल्याण विभाग से की गई थी लेकिन विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की।
जिस पर दलबीर ने याचिका को हाईकोर्ट में दायर किया। जिस पर हाईकोर्ट ने जिला समाज कल्याण अधिकारी को तलब किया। जिस पर जिला समाज कल्याण अधिकारी सरोज देवी ने हाईकोर्ट को बताया कि जिन 74 लोगों ने नियमों को ताक में रखकर बुढापा पैंशन बनवाई हुई थी विभाग द्वारा 58 लोगों को रिकवरी के नोटिस जारी किए हैं। जिन्हें एक सप्ताह का समय दिया गया है।
पिछले सप्ताह विभाग द्वारा 16 अन्य लोगों की भी बुढापा पैंशन काटी थी। जिन्हे जल्द ही विभाग द्वारा रिकवरी नोटिस जारी किए जाएंगे। काबिलेगौर है कि जो लोग बुढापा पैंशन का लाभ ले रहे थे, उनमे 45 वर्ष आयु के लोग भी शामिल थे, जिन्होंने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बुढापा पैंशन बनवाया हुआ था।
जिला समाज कल्याण अधिकारी सरोज देवी ने बताया कि ऐसे सभी 74 पैंशन धारकों की पेंशन काट दी गई है। 58 पैंशन धारकों को नोटिस भेजकर एक सप्ताह के अंदर रिकवरी जमा करवाने के लिए कहा गया है। 16 अन्य के खिलाफ भी विभाग जल्द ही नोटिस जारी करेगा।
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