कुरुक्षेत्र : सीवरेज पाइपलाइन की भूमि पर चल रहे निर्माण कार्य पर हाई कोर्ट ने लिया संज्ञान

कुरुक्षेत्र। नए बस स्टैंड के सामने सीवरेज पाइपलाइन, बॉक्स डे्रन और बरसाती जल निकासी की भूमि पर बनाए जा रहे निर्माण पर हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया है और हुडा अधिकारियों को इस संदर्भ में मौके का मुआयना कर रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए है। कोर्ट में इस संदर्भ में अगली सुनवाई 30 जनवरी 2023 को होगी।
याचिकाकर्ता कांशी राम, धर्म सिंह, मेहरचंद व रणधीर सिंह ने इस संदर्भ में हाई कोर्ट में पब्लिक हित में याचिका दायर की थी जिसके बाद न्यायधीश ने निजी प्रतिवादियों को उपयोग की गई अधिग्रहीत भूमि पर निर्माण करने से रोकने का निर्देश दिया है। याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता ने तर्क दिया है कि विवादित भूमि वर्ष 1987 में अधिग्रहित की गई थी और मुआवजे का विधिवत भुगतान किया गया था। इसके बाद भूस्वामियों ने विभिन्न रिट याचिकाएं दायर कीं। भूस्वामियों के अभ्यावेदन को 3 अक्तूबर 2008 को एक सूचना भेजकर खारिज कर दिया गया था कि जारी की जाने वाली भूमि सेक्टर 6-11 की प्रस्तावित ले-आउट योजना, कुरुक्षेत्र योजना के विकास और इसके अंतर्गत शामिल है।
यह भी तर्क दिया गया है कि इस संबंध में अनुविभागीय इंजीनियर, एचएसवीपी, कुरुक्षेत्र ने 8 दिसंबर को संपदा अधिकारी, एचएसवीपी को एक पत्र लिखा है जिसमें कहा गया है कि एचएसवीपी के जेई ईशम सिंह की रिपोर्ट के अनुसार एसटीपी सेक्टर-6 यू/ई कुरुक्षेत्र (नए बस स्टैंड के पास) के पास एसटीपी सीवर लाइन, स्टॉर्म लाइन और आरसीसी ड्रेन लाइन पर अवैध निर्माण चल रहा है। इनमें से 3 लाइनों के टूटने का डर है जो इस शहर में नाली सेवाओं को बुरी तरह प्रभावित करती है
। वही पत्रकारों से बातचीत करते हुए याचिकाकर्ता कांशी राम ने बताया कि इस संदर्भ में जिला लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति की बैठक में भी यह मुद्दा रखा था जिसमें हरियाणा के शहरी स्थानीय निकाय एवं हरियाणा आवास मंत्री डा. कमल गुप्ता ने इस जगह पर चल रहे निर्माण को रोकने के अधिकारियों को निर्देश दिए थे। कांशी राम ने कहा कि इसके बाद दो दिन तक निर्माण कार्य बंद भी रहा लेकिन इसके बाद फिर से निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया। अब हाई कोर्ट ने इसके लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए है कि वे जाकर जगह का मुआयना करे।
कमेटी कर रही रिकॉर्ड की जांच : ईओ
वही इस संदर्भ में जब हुडा विभाग के ईओ मयंक भारद्वाज ने बताया कि इसके लिए चेकिंग कमेटी बैठाई गई है जोकि इसके रिकॉर्ड को जांच कर रही है। उन्होंने बताया कि उन्हें हाई कोर्ट के आदेश की कॉपी नही मिली है, कॉपी बारे वे कार्यालय से चेक करवा लेंगे।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS