हाईकोर्ट का बड़ा फैसला : हरियाणा के 4858 क्लर्कों की भर्ती का परीक्षा परिणाम रद्द, नया रिजल्ट जारी करने के आदेश

हरियाणा स्टाफ सेलेक्शन कमीशन द्वारा सितंबर 2020 में 4858 क्लर्कों की भर्ती का जो परिणाम जारी किया गया था उसके खिलाफ हाईकोर्ट में दायर कई याचिकाओं को स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट ने इस परीक्षा के परिणाम को रद्द करते हुए आयोग को तीन महीनों में नए सिरे से संशोधित परिणाम जारी करने के आदेश दे दिए हैं।
जस्टिस अरुण मोंगा ने सोमवार को इस भर्ती के परिणाम के खिलाफ दायर दर्जनों याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाते हुए यह आदेश दिए हैं। बता दें कि करनाल के अनिल कुमार व अन्य ने एडवोकेट रविंदर ढुल के जरिए हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बताया था कि 2019 में 4858 क्लर्कों की भर्ती के लिए आवेदन मांगे गए थे, जिसके बाद लिखित परीक्षा ली गई और सितंबर 2020 में इसका परिणाम जारी कर दिया गया था।
इस परिणाम को कई आवेदकों ने हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा था कि परिणाम जारी करते हुए आयोग ने बड़े स्तर पर गलती की है, जिसके चलते कई योग्य आवेदकों का चयन नहीं हो पाया है। याचिकाकर्ताओं के अनुसार लिखित परीक्षा के प्रश्न पत्र के दो सेट थे और आयोग ने नकल को रोकने के लिए दोनों सेट में उत्तरों के क्रम में बदलाव किया था। सेट सी में प्रश्न संख्या 3, 47 और 66 में वही प्रश्न थे जो सेट ए में 24, 62 और 9 के थे। प्रत्येक प्रश्न के चार विकल्प ए, बी, सी और डी था। इन दोनों सेटों में उत्तर के विकल्प क्रम को बदल दिया गया था। यानी सेट सी में अगर प्रश्न का उत्तर सी था तो सेट ए में इसे डी कर दिया गया।
लेकिन जब परीक्षा के बाद आयोग ने परिणाम जारी किया तो दोनों के विकल्प सी को सही बताते हुए अंक दे दिए। इस तरह अंक दिए जाने में हुई गलती के कारण कई आवेदक भर्ती प्रक्रिया से बाहर हो गए। याचिका पर सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने कहा कि इतनी महत्वपूर्ण भर्ती के परिमाणों में कैसे गलती की जा सकती है। लिहाजा हाईकोर्ट ने भर्ती के इस परिणाम को रद्द करते हुए आयोग को आदेश दिए हैं कि वह नए सिरे से संशोधित कर तीन महीनों में परिणाम जारी करे, साथ ही हाईकोर्ट ने कहा कि इस गलती के लिए आयोग पर जुर्माना लगाया जा सकता था, लेकिन वह ऐसा नहीं कर रहे हैं।
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