बड़ा हादसा : तेज रफ्तार कार ने मारी टक्कर, दो भाइयों सहित खच्चर की मौत, कार के परखच्चे उड़े

हरिभूमि न्यूज, हांसी
राष्ट्रीय राजमार्ग-9 स्थित अनिपुरा गांव के समीप एक तेज रफ्तार क्रेटा कार ने आगे जा रही खच्चर रेहडी को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी की क्रेटा कार के परखच्चे उठ गए और खच्चर गाड़ी पर बैठे दो सगे भाइयों सहित गाड़ी में जुते खच्चर की मौके पर मौत हो गई। सूचना मिलने पर सदर पुलिस ने मौके पर पहुंच क्रेन की सहायता से क्रेटा गाड़ी के नीचे दबे खच्चर के शव को बाहर निकलवाया और दोनों युवकों के शव को पोस्टमार्टम हेतु नागरिक अस्पताल के शवगृह भिजवाया जहां मंगलवार को दोनों के शवों का पोस्टमार्टम किया जाएगा। हादसे के बाद क्रेटा चालक मौके से फरार हो गया। पुलिस ने मृतक युवकों के परिजनों के ब्यान पर अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ भादंसं की धारा 304ए व 279 के तहत मामला दर्ज कर जांच आरंभ कर दी है।
पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार गढ़ी निवासी 18 वर्षीय नीरज व 16 वर्षीय आशीष सोमवार दोपहर को अनिपुरा गांव के समीप स्थित एक ईंट भट्ठे पर मजदूरी करने वाले अपने पिता अमरचंद का खाना देने व पशुओं के लिए घास लेने के लिए अपनी खच्चर गाड़ी पर सवार होकर खेत में जा रहे थे। दोनों ही युवक ईंट भट्ठे पर खाना देने के बाद घास लेने के लिए खेत में जाने के लिए रोड़ क्रास कर सड़क पर आए तो दिल्ली की ओर से आ रही एक तेज रफ्तार व अनियंत्रित क्रेटा कार ने खच्चर गाड़ी को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि खच्चर गाड़ी के साथ साथ क्रेटा गाड़ी के भी परखच्चे उड़ गए और क्रेटा गाड़ी खच्चर गाड़ी तोड़ते हुए खच्चर के उपर जा चढ़ी। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे सदर थाना प्रभारी ने दोनों युवकों को उपचार हेतु नागरिक अस्पताल पहुंचाया जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
मृतक नीरज व आशीष के अलावा परिवार में अब एक बड़ी लड़की है जो कि विवाहित है जब नीरज और आशीष अविवाहित थे। मृतक नीरज 12वीं पास करने के उपरांत सरकारी नौकरी पाने के लिए हिसार कोचिंग सेंटर पर कोचिंग ले रहा था। और वह रविवार को ही हिसार से घर आया था। जबकि उसका छोटा भाई आशीष निकटवर्ती गांव भाटोल के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में 11वीं कक्षा में पढ रहा था और साथ ही कबड्डी का खिलाड़ी था और गांव में बने स्टेडियम में कबड्डी की प्रैक्टिस किया करता था।
पल भर में उजड़ गया खाता खेलता परिवार
अमरचंद के तीन बच्चे थे। जिनमें से दो लड़के और एक लड़की थी। सड़क हादसे के कारण पल भर में अमरचंद का हंसला-खेलता परिवार बर्बाद हो गया। अमरचंद ने अपने दोनों बच्चे के भविष्य के लिए कई सपने बुने थे। वह मेहनत मजदूरी कर अपने दोनों बच्चों की पढ़ाई पूरी करवा उन्हें नौकरी लगवाने के सपने देख रहा था। परंतु किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। जानकारी के अनुसार मृतक नीरज और आशीष पढाई के बाद अपने पिता के काम में हाथ बंटाकर घर का गुजारा करते थे। मृतक नीरज पढ़ाई में होशियार था और वह पढ़-लिख कर सरकारी नौकरी लगना चाहता था ताकि अपने परिवार का सहारा बन सके। इसलिए वह सरकारी नौकरी पाने के लिए हिसार में कोचिंग ले रहा था।वहीं छोटा भाई नीरज पढ़ाई के साथ-साथ कबड्डी खेलता था और बड़ा खिलाड़ी बनना चाहता था। नीरज ने कबड्डी में कई टूर्नामेंट में अपने अच्छे प्रदर्शन की बदौलत अपनी टीम को मैच भी जितवाए थे।
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