हिंदी प्राध्यापक डाॅ. विजय चावला के ई-कंटेट का विदेशों तक बज रहा है डंका

हिंदी प्राध्यापक डाॅ. विजय चावला के ई-कंटेट का विदेशों तक बज रहा है डंका
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थाईलैंड के इंटरनेशनल स्कूल में कार्यरत हिन्दी शिक्षिका राखी जैन द्वारा पैडलट डॉट कॉम पर अपलोड की गई हैं। चावला ने बताया कि इससे पूर्व भी उनकी डिजिटल ई बुक्स भारत में सभी को नि:शुल्क मुहैया की गई हैं।उन्होंने स्वयं सभी को सोशल मीडिया के माध्यम से इन्हें नि:शुल्क प्रदान किया है

नरेश पंवार . कैथल

राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय क्योड़क में कार्यरत हिन्दी प्राध्यापक डॉ विजय चावला द्वारा तैयार डिजिटल ई बुक्स हिन्दी सचित्र ई व्याकरण व डिजिटल ई बुक खेल पिटारा का डंका विदेशों में भी बजने लगा है। थाईलैंड के इंटरनेशनल स्कूल में कार्यरत हिन्दी शिक्षिका राखी जैन द्वारा अपलोड किया गया है। चावला ने बताया कि इससे पूर्व भी उनकी डिजिटल ई बुक्स भारत में सभी को नि:शुल्क मुहैया की गई हैं।उन्होंने स्वयं सभी को सोशल मीडिया के माध्यम से इन्हें नि:शुल्क प्रदान किया है। चावला ने बताया कि अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर के प्राथमिक वर्ष कार्यक्रम (पी वाई पी) के शिक्षक भी इन डिजिटल ई-बुक्स का हिन्दी शिक्षण में लाभ उठा सकेंगे।

अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्राथमिक वर्ष कार्यक्रम (पी वाई पी) समूह की अध्यापिकाओं ने,जोकि दुबई,थाईलैंड व भारत के विभिन्न राज्यों के इंटरनेशनल स्कूलों में कार्यरत हैं ने एक ऑनलाइन रिसोर्स शेयरिंग प्लेटफार्म बना रखा है।राखी जैन द्वारा पैडलट डॉट कॉम ऑनलाइन रिसोर्स प्लेटफॉर्म बनाया गया है। इस पर उन्होंने डिजिटल बुक्स सभी के लिए अपलोड कर दी हैं ताकि सभी इनका ऑनलाइन शिक्षण में प्रयोग कर विद्यार्थियों को हिन्दी भाषा-शिक्षण रुचिकर बनाते हुए पढ़ा सकें।

चावला ने आगे बताया कि निस्ट इंटरनेशनल स्कूल ऑफ थाईलैंड, बैंकॉक में कार्यरत हिन्दी अध्यापिका राखी जैन ने उन्हें उनकी डिजिटल बुक्स का व उनके नवाचारों के बारे में लिखित फीडबैक भेजते हुए कहा है कि डॉ विजय चावला द्वारा तैयार नवाचारी पद्धतियां छात्रों के समग्र विकास और रचनात्मकता को बढ़ावा देने में मदद करेंगी।उनकी ये शिक्षण तकनीक अंतर्राष्ट्रीय स्तर के प्राथमिक वर्ष कार्यक्रम (पी वाई पी) पद्धति के अनुरूप हैं। डॉ विजय चावला का ये सभी प्रयास प्रशंसनीय हैं।इससे सभी पी वाई पी समूह के शिक्षक लाभान्वित होंगे। डॉ चावला ने इस कार्य हेतु राखी जैन का आभार प्रकट किया तथा उम्मीद जताई कि इससे सभी विद्यार्थी व अध्यापक लाभान्वित होंगे व हिन्दी भाषा के विकास में अपना पूर्ण योगदान देंगे।

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