जम्मू कश्मीर में शहीद हुआ हिसार का लाल

जम्मू कश्मीर में शहीद हुआ हिसार का लाल
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47 वर्षीय सतीश कुमार की पोस्टिंग जम्मू कश्मीर में थी और वह चार सिपाहियों के साथ बफीर्ली चोटी पर ड्यूटी कर रहे थे। वापस आते समय बफीर्ले तूफान में फंस गए और वहीं गिर गए।

नारनौंद (हिसार)

जामनी खेड़ा गांव निवासी बीएसएफ में हेड कांस्टेबल सतीश कुमार जम्मू कश्मीर में बफीर्ले तूफान में फंसने के कारण शहीद हो गए। उनका पार्थिव शरीर बुधवार को उसके पैतृक गांव में लाया जाएगा और पूरे राजकीय मान सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

जामनी खेड़ा निवासी 47 वर्षीय सतीश कुमार 12वीं कक्षा की पढ़ाई पूरी करके 1993 में बीएसएफ में सिपाही भर्ती हो गए थे। सन 1994 में उनकी शादी सुनीता के साथ हो गई थी। इन दिनों सतीश कुमार की पोस्टिंग जम्मू कश्मीर में थी और वह ड्यूटी के दौरान चार सिपाहियों के साथ बफीर्ली चोटी पर ड्यूटी कर रहे थे और ड्यूटी करने के बाद जब वह वापस चोटी से नीचे आ रहे थे तो बफीर्ले तूफान में फंस गए और वहीं पर गिर गए। चारों सिपाहियों को ढूंढ कर नीचे लाया गया और उनको इलाज के लिए सेना के हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया। लेकिन सतीश कुमार ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। उनके पार्थिव शरीर को जम्मू कश्मीर से हवाई जहाज में दिल्ली एयरपोर्ट पर मंगलवार की रात को लाया जाएगा और बुधवार की सुबह दिल्ली एयरपोर्ट से उनको पैतृक गांव जामड़ी खेड़ा में लाया जाएगा जहां पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। शहीद सतीश कुमार की पत्नी सुनीता ग्रहणी है। उनकी बड़ी बेटी रितु ने बीए की पढ़ाई पूरी की है और बेटा रितिक 12वीं कक्षा में पढ़ रहा है।




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