तेज हवा से तीन माह में ही गिरी अशोक चक्र पर लगी छत्रावली, लाखों रुपये से एक साल में हुई थी तैयार

हरिभूमि न्यूज . रादौर ( यमुनानगर )
यमुनानगर जिले के गांव टोपराकलां में बने अशोक इडिक्ट पार्क में स्थापित अशोक चक्र पर लगी ऐतिहासिक छत्रावली देर शाम बारिश के साथ तेज हवा के चलने से नीचे गिर गी। इस छत्रावली को नवंबर माह में करीब एक साल की मेहनत के बाद लगाया गया था। लेकिन केवल तीन माह तक भी यह छत्रावली हवा के प्रवाह को झेल नहीं पाई और गिर गई। इस पर करीब 5 लाख रुपये खर्च किए गए थे। इसका कार्य द बौद्धिस्ट फोरम की ओर से करवाया गया था। छत्रावली के गिरने के बाद ग्रामीणों ने इसके निर्माण कार्य में उच्च क्वालिटी की सामग्री का प्रयोग न किए जाने के आरोप लगाए हैं।
अशोक स्तंभ के इतिहास को उजागर करने में अपनी भूमिका अदा करने वाले व अशोका गीता के लेखक सुरेद्र सैनी, प्रवेश, राजकुमार, जरनैल सिंह, बलदेव आदि ने बताया कि सरकार की ओर से इस पार्क को देश की धरोहर बनाने का कार्य किया जा रहा है। ताकि क्षेत्र को पर्यटन के रूप में आगे बढ़ाया जा सके। इसके लिए यहां के इतिहास को ध्यान में रखकर अशोका इडिक्ट पार्क का निर्माण करवाया गया। जिसमें अशोक चक्र भी स्थापित किया गया।
इस कार्य में करोड़ों रूपए सरकार खर्च कर रही है। करीब 3 माह पहले नवंबर में लाखों रूपए की लागत से चक्र के ऊपर 61 फुट ऊंची छत्रावली भी लगाई गई थी। लेकिन यह ज्यादा समय नहीं टिक पाई। जिससे इस कार्य में हुई ढिलाई का पता चलता है। अभी इतना तेज तूफान भी नहीं चल पाया था कि जिससे इस प्रकार का नुकसान होने का अनुमान हो लेकिन यह फिर भी गिर गई। जिससे साफ जाहिर हो रहा है कि इस निर्माण में बेहतर सामग्री का प्रयोग नहीं किया गया। उन्होंने मांग की कि सरकार को इस प्रकार के ऐतिहासिक कार्यों की जिम्मेवारी खुद लेनी चाहिए और अपने स्तर पर कार्य करने चाहिए। ताकि बेहतर तरीके व उच्च गुणवत्ता से यह कार्य किए जा सके।
वहीं, बौद्धिस्ट फोरम के अध्यक्ष सिद्धार्थ गौरी का कहना है कि ग्रामीणों के आरोप निराधार हैं। छत्रावली का कार्य बेहतर तरीके से और अच्छे मैटीरियल का प्रयोग कर किया गया था। हवा के दबाव के कारण ऐसा हुआ है। लेकिन अभी भी इस कार्य को करने की जिम्मेवारी उनके पास ही है। जल्द ही इसे दोबारा अच्छी तरीके से डेटिंग आदि करवाकर लगवा दिया जाएगा।
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