सरस्वती नदी के किनारे पर किले से मिले ऐतिहासिक सिक्के

सरस्वती नदी के किनारे पर किले से मिले ऐतिहासिक सिक्के
X
इस नदी के किनारे ही लोग बसते थे। इस नदी के किनारे से सिक्कों का मिलना यह साबित करता है कि इस नदी के किनारे प्राचीन समय में लोग बसते थे। इन सिक्कों को देख कर लगता है कि यह सिक्के हड़प्पा कालीन या फिर सरस्वती प्राचीन सभ्यता के काल हैं।

हरिभूमि न्यूज. कुरुक्षेत्र

देश की प्राचीन एवं पवित्र सरस्वती नदी के किनारे यमुनानगर के गांव संधाया के एक किले से प्राचीन 6 सिक्के मिले हैं। यह सिक्के ग्रामीण एवं समाजसेवी बलविंद्र सिंह को मिले हैं। इस व्यक्ति ने सिक्कों को हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धुम्मन सिंह किरमच को साैंप दिया है। धुम्मन सिंह किरमच ने प्राचीन किले के निरीक्षण भी किया।

ग्रामीणों व बलविंद्र सिंह ने जानकारी दी कि इस किले से पहले भी कई तरह का प्राचीन सामान मिला है। धुम्मन सिंह ने कहा कि सरस्वती नदी हरियाणा की सबसे प्राचीन नदी है। इस नदी से लोगों को पीने का पानी मिलता था जिसके कारण इस नदी के किनारे ही लोग बसते थे। इस नदी के किनारे से सिक्कों का मिलना यह साबित करता है कि इस नदी के किनारे प्राचीन समय में लोग बसते थे। इन सिक्कों को देख कर लगता है कि यह सिक्के हड़प्पा कालीन या फिर सरस्वती प्राचीन सभ्यता के काल हैं। हालांकि इन सिक्कों का काल जानने के लिए पुरातत्व विभाग हरियाणा को एक पत्र लिखा गया है। इस पुरातत्व विभाग की टीम द्वारा जांच करने के बाद ही इन सिक्कों का सही काल पता लग पाएगा।

उन्होंने कहा कि इस साइट पर खुदाई का कार्य करवाने के लिए पुरातत्व विभाग को लिखा गया है। इस नदी के किनारे आदिबद्री से लेकर हरियाणा राजस्थान की सीमा तक दर्जनों प्राचीन साइट है जिनमें भगवान पुरा, पिहोवा, कपिल मुनि मंदिर कैथल, राखीगढ़ी, बनावाली आदि प्राचीन साइट है। अब गांव संधाया में सिक्कों के मिलने के बाद इस साइट को ऐतिहासिक दृष्टि से देखा जाएगा। अगर इस साइट की खुदाई की जाए तो इस जगह से और अधिक इतिहास को जानने का अवसर मिलेगा।

Tags

Next Story