Haribhoomi Exclusive : नारनौल में 50 लाख का होर्डिंग ठेका घोटाला! 3 साल से एक पैसा भी जमा नहीं करवाया

Haribhoomi Exclusive : नारनौल में 50 लाख का होर्डिंग ठेका घोटाला! 3 साल से एक पैसा भी जमा नहीं करवाया
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  • रोहतक की एक एजेंसी को दिया गया था टेंडर, अब किसी थर्ड पार्टी के सहारे होर्डिंग बैनर लगवा हर माह लगा रहे नप को चूना
  • नगर परिषद के अधीन शहरी क्षेत्र में है 17 साइट, प्रत्येक एक साइड का हर माह 20 से 25 हजार रुपये लिया जा रहा किराया

सतीश सैनी/नारनौल। शहर के मुख्य मार्गों किनारे पोल पर लगे होर्डिंग में बड़े घोटाले की बू आ रही है। इसके पीछे अहम कारण है कि जिस एजेंसी को यह टेंडर अलाट किया था, उसने तीन साल से एक पैसा भी जमा नहीं करवाया है। नगर परिषद ने एक सप्ताह पहले एजेंसी को नोटिस भेजकर बकाया 50 लाख जमा करवाने को कहा है। हैरानी की बात है कि तय की गए साइड पर लगे अधिकांश पोल पर होर्डिंग लगातार लगाए जा रहे है। सूत्र बताते है कि होर्डिंग लगाने का किराया थर्ड पार्टी नप अधिकारियों की मिलीभगत से वसूल रही है। इस खेल के पीछे एजेंसी का भी हाथ है या नहीं, यह जांच का विषय है। कमाल की बात यह भी है कि नप प्रशासन इतनी मोटी बकाया राशि होने के बाद ठोस कार्रवाई करने की बजाय महज नोटिस देकर ही खानापूर्ति कर रहा है। अब देखना होगा कि जिला प्रशासन इस मामले को दबाता है या जांच कर इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करता है।

नगर परिषद की ओर से चार अक्टूबर को मैसर्ज शेप इंडिया आउटडोर विकास नगर रोहतक के नाम नोटिस जारी किया गया। इस तरह के दो नोटिस पहले भी 17 जुुलाई व 14 अगस्त को दिए जाने का हवाला दिया गया है। अब जो नोटिस दिया है, उसमें कहा गया है कि मैसर्ज शेप इंडिया आउटडोर, 97, विकास नगर रोहतक को नगर परिषद कार्यालय द्वारा इस कार्यालय के पत्र क्रमांक एमसीएन/2020/477 दिनांक 16 नवंबर 2020 के तहत नगर परिषद क्षेत्र में विज्ञापन कार्य हेतु वर्क ऑर्डर जारी किया गया था। वर्क ऑर्डर के बिन्दु संख्या दो के अनुसार टेंडर की शर्तों अनुसार प्रत्येक महीने राशि जमा की जानी थी लेकिन एजेंसी द्वारा दिनांक 18 नवंबर 2020 से आज तक टेंडर की कोई राशि नगर परिषद कार्यालय में जमा नहीं की गई जोकि एक घोर लापरवाही है। वर्क ऑर्डर अनुसार प्रति वर्ष जो राशि बनती है। उसके मुताबिक 25 नवंबर 2020 से 24 नवंबर 2021 तक 13 लाख 59 हजार 97 रुपये और इसका 18 प्रतिशत जीएसटी 244637 है। इस तरह एक साल की राशि 16 लाख तीन हजार 734 है। फिर 25 नवंबर 2021 से 24 नवंबर 2022 तक (टेंडर में जारी शर्तों अनुसार 10 प्रतिशत बढोतरी के साथ) 14 लाख 95 हजार सात रुपये और इसका जीएसटी 269101 रुपये है। इस तरह इस साल की राशि 17 लाख 64 हजार 108 रुपये है। इसी तरह 25 नवंबर 2022 से 30 जून 2023 तक (टेंडर में जारी शर्तों अनुसार 10 प्रतिशत बढोतरी के साथ) नौ लाख 59 हजार 296 रुपये और इसकी जीएसटी राशि एक लाख 72 हजार 673 रुपये है। इस तीसरे साल के करीब सात माह की राशि 11 लाख 31 हजार 969 रुपये है। इस तरह तीनों साल की बकाया राशि 44 लाख 99 हजार 811 रुपये बनती है। इस राशि का 12 प्रतिशत ब्याज जोड़कर एजेंसी की तरफ 50 लाख 39 हजार 788 रुपये बकाया बताया गया है।

फर्म का जवाब... विभाग ने कार्य करने के लिए किया मना, फिर नहीं किया विज्ञापन कार्य

यह विज्ञापन टेंडर राशि 50 लाख 39 हजार 788 रुपये सात दिन के अंदर-अंदर कार्यालय नगर परिषद में जमा करवाने बारे 17 जुलाई 2023 को भी पत्र क्रमांक एमसीएन/ईई/2023/07/3276 के तहत लिखा गया था। जिसका जवाब 14 अगस्त को एजेंसी ने कार्यालय में प्रस्तुत किया। एजेंसी ने अपने जवाब में लिखा 'आपका कथन है कि मेरे द्वारा दिनांक आठ अक्टूबर 2020 को चैक के माध्यम से बकाया राशि जमा करवा दी गई थी और टेंडर की अवधि तीन वर्ष बढ़ाने के लिए अनुरोध किया था लेकिन विभाग ने निदेशालय द्वारा जारी पत्र दिनांक 10 सितम्बर 2020 के तहत टेंडर की अवधि तीन वर्ष ना बढ़ाकर 30 अक्टूबर 2020 तक बढ़ा दी गई थी। जिसके लिए मैंने एक माह की फीस 22 दिसंबर 2020 को 133644 रुपये की राशि जमा करवा दी गई थी। उसके बाद विभाग द्वारा मुझे कार्य करने के लिए मना कर दिया गया था व मेरी फर्म द्वारा कोई भी विज्ञापन का कार्य नहीं किया गया।'

होर्डिंग के पीछे खेल, नोटिस की प्रति देने में भी चेयरपर्सन की आनाकानी

फर्म के जवाब को माने तो नगर परिषद ने ही उसे कार्य करने के लिए मना कर दिया। फर्म कोई भी विज्ञापन का कार्य नहीं कर रही। फिर भी हर रोज पोल पर बड़े होर्डिंग लग रहे है। थर्ड पार्टी इन होर्डिंग का किराया वसूल रही है, यह जांच का विषय है। वहीं इसमें नगर परिषद के किसी अधिकारी या कर्मचारी का किरदार है, यह भी जांच का विषय है। इसी संबंध में जब वीरवार दोपहर हरिभूमि ने नप चेयरपर्सन कमलेश सैनी से उनके कार्यालय में जाकर बातचीत की तो उन्होंने कहा कि फर्म को नोटिस दिया गया है। फर्म पर कार्रवाई होनी चाहिए। जब उनसे फर्म को भेजे गए नोटिस की प्रति मांगी गई तो काफी इंतजार के बाद यह जवाब मिला कि आपको व्हाट्सएप पर भेज दी जाएगी। शुक्रवार दोपहर तक भी प्रति उपलब्ध नहीं करवाई गई। वहीं नगर परिषद के एक्सईएन सुंदर सिंह ने बताया कि अभी टेंडर एजेंसी के पास ही है। यह टेंडर अगले माह नवंबर 2023 में खत्म होगा।

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