खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने पर हॉकी खिलाड़ी रानी रामपाल को मिला पद्मश्री पुरस्कार

खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने पर हॉकी खिलाड़ी रानी रामपाल को मिला  पद्मश्री पुरस्कार
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यह सम्मान उन्हें राष्ट्रपति भवन के ऐतिहासिक दरबार हाल में आयोजित भव्य समारोह में राष्टपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) ने दिया। रानी रामपाल (Rani Rampal) को पदम श्री पुरस्कार मिलने पर खेल प्रेमियों में खुशी की लहर है। वहीं सीएम मनोहर लाल खट्टर ने ट्वीट कर उन्हें बधाई दी है।

हाकी खिलाड़ी रानी रामपाल (Rani Rampal) को खेल के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए पद्मश्री पुरस्कार (padma shri award) से सम्मानित किया। यह सम्मान उन्हें राष्ट्रपति भवन के ऐतिहासिक दरबार हाल में आयोजित भव्य समारोह में राष्टपति रामनाथ कोविंद ने दिया। रानी रामपाल को पद्म श्री पुरस्कार मिलने पर खेल प्रेमियों में खुशी की लहर है। वहीं सीएम मनोहर लाल खट्टर ने भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल को पद्मश्री पुरस्कार मिलने पर बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि जिस समर्पण व निष्ठा से आपने अपने खेल क्षेत्र में सराहनीय कार्य किया है, वह सभी के लिए प्रेरणादायी है।

बतां दे कि हर साल पद्म पुरस्कारों की घोषणा गणतंत्र दिवस के मौके पर की जाती है। राष्ट्रपति मार्च-अप्रैल में ये पुरस्कार प्रदान करते हैं लेकिन इस बार कोरोना के चलते ये पुरस्कार नहीं दिए जा सके थे।

पद्म श्री पुरस्कार मिलने पर रानी रामपाल ने खुशी जताई है। चार दिसंबर, 1994 को जन्मीं रानी बहुत ही साधारण परिवार से आती हैं। घर चलाने के लिए उनके पिता तांगा चलाते थे और ईंटें बेचते थे। बारिश के दिनों में उनके कच्चे घर में पानी भर जाता था। रानी ने छह साल की उम्र में हॉकी खेलना शुरू किया था। रानी के पिता रामपाल ने बताया कि उनके घर में समय देखने के लिए घड़ी भी नहीं थी वह सुबह रानी को हाकी ग्राउंड में प्रैक्टिस करने के लिए मुर्गे की बांग को सुनकर छोड़ने जाते थे। उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उनकी बेटी रानी अपने पिता रामपाल का नाम विश्व के नक्शे पर चमका देगी।

रानी शाहबाद मारकंडा कस्बे के मोहल्ला माजरी की तंग गलियों में बने घर से संबंध रखती है। वह ऐसी जगह पर पली-बढ़ी हैं जहां महिलाओं और लड़कियों को घर की चारदीवारी में रखा जाता है। इसलिए जब उन्होंने हॉकी खेलने की इच्छा जाहिर की तो माता-पिता और रिश्तेदारों ने साथ नहीं दिया। उन्हें लगता था कि खेल में करियर नहीं बन सकता, और लड़कियों के लिए तो बिल्कुल भी नहीं। रानी ने जैसे-तैसे हॉकी खेलने के लिए माता-पिता को मना लिया, लेकिन उनके रिश्तेदार ताने देते थे। अब वही लोग उनकी पीठ थपथपाते हैं और उनके घर लौटने पर बधाई देने आते हैं।

रानी रामपाल ने सिर्फ 15 साल की उम्र में सबसे युवा भारतीय खिलाड़ी के रूप में विश्व कप में हिस्सा लिया था। वह टूनार्मेंट की शीर्ष फील्ड गोल स्कोरर रही थीं, जिसके लिए उन्हें टूनार्मेंट की सर्वश्रेष्ठ युवा खिलाड़ी चुना गया था। रानी रामपाल की अगुआई में भारतीय टीम ने महिला एशियाई कप 2017 में ऐतिहासिक जीत दर्ज की और 2018 में एशियन गेम्स में रजत पदक जीता। पिछले साल भारत ने एफआइएच सीरीज फाइनल्स जीता था, जो टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफायर था। रानी ने इसमें अहम भूमिका निभाई और निर्णायक गोल किया, जिससे भारत को टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने में मदद मिली। उन्हें टूनार्मेंट की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया था।




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