होली : 21 से 28 मार्च तक होलाष्टक रहेगा, जानें कौन से कार्य नहीं होंगे

हरिभूमि न्यूज : कुरुक्षेत्र
श्रीदुर्गा देवी मन्दिर पिपली के अध्यक्ष व कॉस्मिक एस्ट्रो पिपली के डायरेक्टर ज्योतिष व वास्तु आचार्य डॉ.सुरेश मिश्रा ने बताया कि होली सोमवार 29 मार्च को कन्या राशि के चन्द्रमा , हस्त नक्षत्र और ध्रुव योग में है। होली से पहले ही 21 मार्च से 28 मार्च तक होलाष्टक रहेगा।
हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन शुक्लपक्ष अष्टमी से होलाष्टक आरम्भ होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार होलाष्टक में कोई भी शुभ और मांगलिक कार्य जैसे कि विवाह, नवीन वाहन खरीदना या नवीन घर खरीदना आदि नहीं करने चाहिए। इनमें अष्टमी तिथि को चंद्रमा, नवमी को सूर्य, दशमी को शनि, एकादशी को शुक्र, द्वादशी को गुरु, त्रयोदशी को बुध, चुतर्दशी को मंगल तो पूर्णिमा को राहु की ऊर्जा काफी नकारात्मक रहती है इसलिए कहा जाता है कि इन दिनों में जातकों के निर्णय लेने की क्षमता काफी कमजोर होती है जिससे वे कई बार गलत निर्णय भी कर लेते हैं जिससे बहुत हानि होती है।
उन्होंने होलाष्टक का महत्व बताते हुए कहा कि होलाष्टक का समय भगवान की भक्ति की दिव्य शक्ति का प्रभाव बताती है। इस अवधि में जप तप, योग और ध्यान करना ही अच्छा रहता है। होलाष्टक शुरू होने पर एक पेड़ की शाखा काट कर उसे जमीन पर लगाते हैं। इसमें रंग-बिरंगे कपड़ों के टुकड़े बांध देते हैं। इसे भक्त प्रह्लाद का प्रतीक माना जाता है। जिस क्षेत्र में होलिका दहन के एक पेड़ की शाखा काट कर उसे जमीन पर लगाते हैं, उस स्थान में होलिका दहन तक कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है।
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