होली का तोहफा : अब हरियाणा के 5592 गांवों में 24 घंटे बिजली आपूर्ति

हरियाणा के बिजली मंत्री चौ. रणजीत सिंह (Ranjit Singh) ने कहा है कि 'म्हारा गांव जगमग गांव' योजना के प्रति ग्रामीण उपभोक्ताओं का रुझान निरंतर बढ़ता जा रहा है। बिजली निगमों ने 23 और गांव को 'म्हारा गांव-जगमग गांव' योजना में शामिल कर 'होली' का तोहफा दिया है और इसके साथ ही हरियाणा के 5592 गांवों में 24 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित हो जाएगी।
बिजली मंत्री ने कहा कि बिजली निगमों ने इस वर्ष 26 जनवरी को 82 नये गांवों को भी 'म्हारा गांव-जगमग गांव' योजना में शामिल किया था और अब होली के अवसर पर 23 और नये गांवों को शामिल करने के साथ वर्ष 2022 में ही 115 गांव योजना शामिल होने के फलस्वरूप प्रदेश में 24 घंटे बिजली आपूर्ति वाले गांव की संख्या 5592 हो जाएगी। उन्होंने बताया कि उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम के इन 23 गांवों में सोनीपत जिले के 7 गांवों में बढ़ खालसा, राई, असवरपुर, भोगीपुर, रजलुगढ़ी, मेहरा और मदीना, रोहतक के 4 गांवों में रुड़की, पोलांगी, रीठल नरवाल और रीठल फोगाट, झज्जर के 4 गांवों में लोहाट, देवरखाना, मुंडाखेड़ा और बराही तथा पानीपत के 8 गांवों में बिजावा, कैथ, शाहपुर, बुआना लखु, पुथर, ककोदा, बांध और शिवा शामिल हैं।
बिजली मंत्री ने बताया कि अब प्रदेश 10 जिले नामतः सिरसा, फतेहाबाद, रेवाड़ी, गुरुग्राम, फरीदाबाद, पंचकूला, अंबाला, कुरूक्षेत्र, यमुनानगर व करनाल ऐसे जिले बन गए हैं जहां 24 घंटे बिजली की उपलब्धता हुई है।
चौ. रणजीत सिंह ने कहा कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर भी बिजली निगमों ने 82 गांवों को इस योजना में शामिल किया था। उन्होंने कहा कि प्रदेश के अन्य शेष गांवों को 'म्हारा गांव-जगमग गांव' योजना में शामिल करने के लिए कार्य तीव्रता से किया जा रहा है। योजना से ग्रामीण उपभोक्ताओं में बिजली के बिलों का भुगतान समय पर करने, बिजली चोरी रोकने और बिजली निगमों के कर्मचारियों के साथ सहयोग करने की दिशा में सकारात्मक परिवर्तन आया है।
उन्होंने बताया की 'म्हारा गांव-जगमग गांव' योजना के तहत बिजली पंचायतों के माध्यम से नये कनेक्शन जारी करना, खराब मीटरों को बदलना, बिजली बिलों को ठीक करना, अनधिकृत बिजली लोड को नियमित करना, बिजली बिलों का प्रभावी वितरण करना, पुराने क्षतिग्रस्त कंडक्टर को ए.बी. केबल में बदलना तथा उपभोक्ताओं के बिजली मीटरों को परिसर से बाहर स्थानांतरित करना मुख्य रूप से शामिल है। उन्होंने बताया कि प्रदेश का लाइन लॉस भी घटकर लगभग 14 प्रतिशत हो गया है जो कभी 33 प्रतिशत से अधिक होता था।
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