गृहमंत्री ने ली होम विभाग की क्लास : अनिल विज बोले- कोई केस लंबित रहा तो SP से लेकर ADG से भी लूंगा जवाब

चंडीगढ़। हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि अपराध पर रोकथाम लगाने के लिए क्राइम से संबंधित एक पोर्टल तैयार किया जाएगा जिसके बाद हर संबंधित पुलिस अधिकारी अपने स्तर पर पोर्टल के माध्यम से क्राइम के मामले की जानकारी देख सकेगा और उस अमुक मामले पर संबंधित अधिकारी द्वारा आगामी कार्यवाही भी की जाएगी। इसके अलावा, विज ने सख्त लहजे में पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने यहां जितने भी लंबित मामले हैं उनको जल्द से जल्द निपटाएं। इसी कड़ी में विज ने पुलिस अधिकारियों को आगामी मामलों के निस्तारण हेतु समय अवधि भी निर्धारित कर बताईं। गृह मंत्री यहां पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों सहित पूरे राज्य से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्मय से जुडे़ पुलिस आयुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस अधीक्षक, डीएसपी और एएसपी स्तर के अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
सभी की जिम्मेदारी व जवाबदेही होगी फिक्स
विज ने लंबित मामलों के निस्तारण के संबंध में टाइम लाइन देते हुए कहा कि पुलिस विभाग के पास 6-6 महीने व साल-साल भर से मामले लंबित रहते हैं और लोगों को इंसाफ नहीं मिलता क्योंकि उनके पास पूरे हरियाणा से लोग मिलने के लिए आते हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में एसएचओ का दायित्व बनता है कि उसके अधिकार क्षेत्र में आने वाले मामलों को वह निपटाएं लेकिन हम अब सभी की जिम्मेदारी व जवाबदेही फिक्स करने जा रहे हैं कि इस अधिकारी व कर्मचारी की वजह से अमुक मामले में देरी हुई। विज ने कहा कि जिम्मेदारी व जवाबदेही के तहत अब आज से यदि 10 दिन से ज्यादा कोई मामला लंबित रहता है तो उसकी जिम्मेदारी व जवाबदेही संबंधित एसएचओ की होगी। इसी प्रकार, यदि 20 दिन से ज्यादा कोई मामला लंबित रहता है तो उसकी जिम्मेदारी व जवाबदेही संबंधित डीएसपी रैंक के अधिकारी की होगी तथा यदि 30 दिन से ज्यादा कोई मामला लंबित रहता है तो उसकी जिम्मेदारी व जवाबदेही संबंधित एएसपी रैंक के अधिकारी की होगी।
ऐसे ही, यदि 45 दिन से ज्यादा कोई मामला लंबित रहता है तो उसकी जिम्मेदारी व जवाबदेही संबंधित एसपी की होगी और संबंधित एसपी को अमुक मामले की देरी के संबंध में अपनी टिप्पणी रिकार्ड सहित देनी होगी कि किस वजह से इस मामले के निस्तारण में देरी हुई है। इसी प्रकार, यदि 60 दिन से ज्यादा कोई मामला लंबित रहता है तो उसकी जिम्मेदारी व जवाबदेही संबंधित आईजी या सीपी की होगी और संबंधित आईजी या सीपी को अमुक मामले की देरी के संबंध में अपनी टिप्पणी रिकार्ड सहित देनी होगी कि किस वजह से इस मामले के निस्तारण में देरी हुई है। विज ने कहा कि यदि 60 दिन से भी ज्यादा किसी मामले में देरी पाई जाती है तो उस मामले में संबंधित अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक को रिकॉर्ड सहित अपना जवाब देना होगा।
मुख्यमंत्री की मेहनत को खराब नहीं होने दूंगा
विज ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल बहुत मेहनत कर रहे हैं मैं उनकी मेहनत को खराब नहीं होने दूंगा। उन्होंने पुलिस के अधिकारियों में उत्साहबर्धन करते हुए कहा कि मुझे आप लोगों पर पूरा भरोसा है कि आप मुख्यमंत्री की मेहनत को खराब नहीं होने देेंगे। उन्होंने कहा कि ''हम सबने रूल आफ लॉ को स्थापित करने की शपथ ले रखी हैं इसलिए हम सब मिलकर राज्य के लोगों की सेवा करेंगे ताकि प्रदेशवासियों को समयबद्ध इंसाफ दिया जा सके''।
पुलिस कोविड हिदायतों/एसओपी की पालना करवाना करें सुनिश्चित
गृह मंत्री ने बैठक में पुलिस अधिकारियों से कहा कि वर्तमान में कोविड संक्रमण तेजी से बढ रहा है और कोविड संक्रमण की पिछली दो लहरों में पुलिस के जवानों व अधिकारियों ने बेहतरीन कार्य किया है और इस दौरान हमारे पुलिस के कुछ जवान भी शहीद हो गए जोकि उस दौरान अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अब कोविड संक्रमण की तीसरी लहर आ गई हैं और सरकार समय-समय पर हिदायतें जारी करती हैं और उन हिदायतों को लागू करवाना पुलिस के अधिकारियों व कर्मचारियों का कर्तव्य बनता हैं इसलिए राज्य में पुलिस द्वारा इन हिदायतों व एसओपी जैसेकि मास्क लगाना, नाईट कफर्यू और बाजार खुलने के समय इत्यादि को क्रियान्वित अक्षरशः करवाना होगा। श्री विज ने कहा कि जैसा कि बताया जा रहा है कि मौजूदा ओमीक्रॉन वेरिएंट काफी ज्यादा तेजी से लोगों को संक्रमित कर रहा है आने वाले दिनों में संक्रमण का आंकड़ा बढ़ने की बहुत ज्यादा संभावना है। श्री विज ने कहा कि हम अपने प्रदेश को कोविड संक्रमण की मार से बचा सकते हैं यदि ''नो मास्क-नो सर्विस'' की नीति को अपनाया जाए।
विज द्वारा भेजी गई प्रत्येक शिकायत के लिए हर जिले में लगेगा एक अलग रजिस्टर
बैठक के दौरान विज ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि उनके द्वारा भेजी गई प्रत्येक शिकायत के लिए हर जिला में एक अलग रजिस्टर लगाया जाए और डीएसपी स्तर से ऊपर के अधिकारी ही उस पर अगली कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि जब शिकायत का पूरी से निस्तारण हो जाए तो उसके बाद ही उसकी रिपोर्ट संबंधित एडीजीपी को भेजी जाए। बैठक के दौरान पुलिस पब्लिक कमेटियों के गठन के संबंध में गृह मंत्री ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि वे अगले एक सप्ताह के भीतर कमेटियों का गठन करें और इन कमेटियों में शामिल किए गए सभी प्रमुख व्यक्तियों के पते व मोबाइल नंबर की सूची उन्हें भेजें। बैठक में श्री विज ने लावारिस वाहनों के संबंध में पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इस संबंध में एसओपी बनाएं और संभी संबंधित को भेजें ताकि ऐसे लावारिस वाहनों के मामलों को निपटाया जा सकें।
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