किसान आंदोलन : दिल्ली बॉर्डर खाली कराने के लिए गठित हाई पावर कमेटी की गृह मंत्री ने ली बैठक, बनाई रणनीति

चंडीगढ़। हरियाणा में दिल्ली सीमा पर चल रहे किसानों के धरने औऱ जाम को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद में सरकार द्वारा गठित राज्य स्तरीय हाई पावर कमेटी की पहली बैठक गृहमंत्री अनिल विज की अध्यक्षता में हुई। जिसमें हरियाणा डीजीपी और बाकी अधिकारी भी पहुंचे हुए थे, सभी ने वर्तमान हालात व चल रही बातचीत को लेकर मंथन किया। इसके साथ ही आगे के लिए किस प्रकार से बातचीत कर कदम उठाए जाने हैं, इस पर रणनीति तैयार की गई। इतना ही नहीं एक दिन पहले गठित की गई उच्चस्तरीय कमेटी में शामिल नामों की अधिसूचना भी जारी कर दी गई है।
देर शाम गृह मंत्रालय हरियाणा सचिवालय के आठवें फ्लोर पर आयोजित इस बैठक में गृहमंत्री विज के अलावा हिस्सा लेने के लिए खुद डीजीपी और एडीजीपी कानून व्यवस्था पहुंचे हुए थे। गृह विभाग से एसीएस तो नहीं रहे बल्कि सचिव वरिष्ठ आईएएस अफसर बलकार सिंह मौजूद रहे। राज्य के दिल्ली से लगते इलाकों में धरने व हाइवे बंद होने से होने वाली तकलीफ और रास्ता खुलवाने के लिए गठित कमेटी को लेकर नामों की सूची व अधिसूचना जारी कर दी गई है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह विभाग राजीव अरोड़ा की ओर से जारी अधिसूचना में बताया गया है कि 23 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद में राज्यपाल के निर्देशों पर राज्य में संयुक्त किसान मोर्चा नेताओं से बातचीत के लिए कमेटी का गठन किया गया है। जिसमें शामिल लोगों में एसीएस होम राजीव अरोड़ा चेयरमैन होंगे और डीजीपी हरियाणा पीके अग्रवाल सदस्य, इसी प्रकार से एडीजीपी कानून व्यवस्था नवदीप सिंह विर्क, आईएएस अधिकारी गृह सचिव बलकार सिहं सभी सदस्य नोमिनेट किए गए हैं। गठित कमेटी द्वारा पहली बैठक वीरवार की शाम को चंडीगढ़ में की गई है। जिसमें आने वाले वक्त के लिए ऱणनीति तैयार की गई।
दो निजी कंपनियों को दिए नोटिस, समय पर नहीं दिया आउटसोर्सिंग स्टाफ को वेतन
हरियाणा के गृह एवं सेहत मंत्री अनिल विज के निर्देशों पर हरियाणा मेडिकल सर्विसेज कारपोरेशन लिमिटेड के एमडी ने दो कंपनियों जींद और रोहतक को नोटिस भेजते हुए आउटसोर्सिंग पर रखे गए स्टाफ को समय पर वेतन नहीं दिए जाने को लेकर जवाब मांग लिया है। जिसके बाद से इन कंपनियों में हड़कंप मचा हुआ है। यहां पर उल्लेखनीय है कि सेहत विभाग की विभिन्न विंग में आउटसोर्सिंग स्टाफ के तौर पर सेवाएं दे रहे कर्मियों ने मिलकर विज के सामने अपना पक्ष रखा था। जिसके बाद में विज ने इस पर गंभीरता दिखाते हुए इनको नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांग लिया है। इनमें एक कंपनी शार्प ग्लोबल ग्रुप एनआईटी फरीदाबाद को रोहतक में रखे गए स्टाफ के मानदेय में देरी को लेकर कारण पूछा गया है। साथ ही समझौते केनियमों को दरकिनार करने पर जवाब मांगा है। इसी तरह से दूसरी कंपनी द्वारा जींद में आउटसोर्सिंग स्टाफ को वेतन देने में देरी की गई। इस मामले में भी एनआईटी की शर्तें को दरकिनार कर गंभीर लापरवाही की बात है, कोविड मेंकाम करने वाले आउटसोर्सिंग के स्टाफ को सैलरी नहीं दिए जाने पर जवाब मांग लिया है। इसमें कांट्रैक्ट एग्रीमेंट की शर्तों के उल्लंघन को लेकर विस्तार से जवाब मांगा गया है।
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