अभी जिंदा है ईमानदारी : शख्स ने सड़क पर मिले किसान के 3 लाख रुपये लौटाए, फसल बेचकर मिली थी राशि

हरिभूमि न्यूज : बाढड़ा ( चरखी दादरी )
मौजूदा समय में छीना- झपटी, चोरी, डकैती व धोखाधड़ी की घटनाएं अक्सर देखने को मिलती है। शायद ही कोई दिन जाता हो जिस दिन हमें समाचार पत्र या टीवी के माध्यम से इस प्रकार की खबरों से रुबरु ना होना पड़े। लेकिन इन सब के बीच समाज में ईमानदार लोग भी मौजूद हैं जो दूसरे के धन को मिट्टी के समान समझते हैं और अपनी मेहनत की कमाई पर विश्वास करते हैं। इसी प्रकार का उदाहरण बाढड़ा निवासी सज्जन सिंह प्रधान ने पेश किया है। जिन्होंने अपनी ईमानदारी का परिचय देते हुए सड़क पर मिली किसान की तीन लाख चार हजार रुपये की राशि वापिस लौटा दी है। किसान अपनी मेहनत की कमाई को पाकर बेहद खुश नजर आया और उसने बार-बार सज्जन सिंह का धन्यवाद किया।
बाढड़ा उपमंडल के गांव कारीदास निवासी किसान जगदीश रविवार को चरखी दादरी से सरसों बेचने गया था। शाम के समय वह सरसों बेचने के बाद वापिस अपने घर लौट रहा था। किसान ने सरसों के तीन लाख चार हजार रुपये ट्रैक्टर के टूल बॉक्स में रख दिए थे लेकिन घर पहुंचने से पहले ही बाढड़ा में दादरी रोड़ पर बालाजी नर्सरी के सामने ट्रैक्टर का टूल बाॅक्स टूटकर रुपयो सहित गिर गया और किसान को इसकी भनक भी नहीं लगी। बाद में घर जाकर किसान ने सरसों के रुपये संभाले तो टूल बॉक्स गायब मिलने पर उसके पैरों तले की जमीन खिसक गई। किसान को जब अपने खून-पसीने की कमाई के रुपये नहीं मिले तो वह परेशान हो गया।
टूल सहित रुपये से भरी यह थैली दादरी रोड़ पर मौजूद बाढड़ा निवासी सज्जन सिंह को मिल गई थी और उसने सोशल मीडिया के माध्यम से इसकी जानकारी देते हुए रुपये लौटाने की बात कही थी। जिसके बाद रात को किसान जगदीश को भी इसकी सूचना मिली तो उसे रुपये वापिस मिलने की कुछ आस जगी। बाद में सोमवार सुबह उसने बाढड़ा के मौजिज लोगों की मौजूृदगी में रुपये प्राप्त किए जिसके बाद किसान ने राहत की सांस ली। रुपये लौटाते समय बाढड़ा व्यापार मंडल प्रधान संदीप सिंटी, मनोज सेठ, सज्जन प्रधान, सूबेदार सत्यदेव, अभिकेष आदि मौजूद थे।
सोशल मीडिया पर बताए थे डेढ लाख रुपये
रुपये मिलने के बाद दादरी रोड़ पर लगे सीसीटीवी के माध्यम से भी रुपयों के मालिक का पता लगाने का प्रयास किया गया था। सीसीटीवी में साफ नहीं हो पाया तो मीडिया व सोशल मीडिया के माध्यम से रुपये मिलने की जानकारी दी गई लेकिन उस दौरान एक लाख से डेढ लाख रुपये मिलने की बात कही गई थी ताकि असली मालिक सही पहचान बताकर रुपये प्राप्त कर सके।
किसान ने धन्यवाद कर दिया दान
किसान को जब अपनी कष्ट कमाई के तीन लाख चार हजार रुपये वापिस मिले तो वह बेहद खुश हुआ और उसने सज्जन सिंह की ईमानदारी की दाद देते हुए कहा कि ऐसे ईमानदार लोग समाज मे मौजूद हो तो देश काफी आगे आ जा सकता है। उन्होंने रुपये मिलने की खुशी में मंदिर, गौशाला व जांगड़ा धर्मशाला में 1100-1100 रुपये दान किए।
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