आशियाना बनाना हुआ महंगा, अब ईटों के दाम बढ़ें

हरिभूमि न्यूज. अंबाला (बराड़ा)
हर इंसान का अपना घर बनाने का सपना होता है और जिसे हकीकत में उतारने के लिए निर्माण सामग्री की जरूरत होती है। एक आम आदमी जब अपना घर बनाने की तैयारी करता है तो उसका एक बजट निधारित होता है लेकिन जब निर्माण सामग्री बजट से बाहर होने लगे तो उस इंसान को मकान बनाना बोझ लगना शुरू हो जाता है। इसी बोझ को बढ़ाने का सबसे ज्यादा कामकर रहे है ईंट भट्ठा मालिक। कुछ दिनों पहले जो अव्वल ईंट 4800 से 5000 रुपये प्रति हजार से हिसाब से मिल जाती थी। अब इसका रेट 6200 रुपये से 6500 रुपये प्रति हजार के हिसाब से मिल रही है ।
रेट बढ़ाने का तर्क यह दिया जा रहा है कि मौजूदा समय में कोयले के रेट डबल हो गए हैं। ईंट पर जीएसटी बढ़ने वाली है और राज्य सरकार द्वारा लेबर के रेट बढ़ा दिए गए है जबकि इस वक्त मिलने वाली ईंट का निर्माण अब से 2-3 महीने पहले ही हो चुका है और वो भी उस समय के रेट के हिसाब से, ऐसे में जबकि मौजूदा समय में ईंट भट्ठे बंद पड़े हुए है यह तर्क बेमानी लगता है। क्षेत्र के रहने वाले ललित कुमार, मोहन लाल, कौशल, विशाल, कमलजीत सिंह, निशान सिंह का कहना है कि ईंट भट्ठा संचालकों द्वारा मनमानी करके बिना वजह रेट बढ़ाए जा रहे हैं जिसका बोझ हमारे जैसे आम लोगों पर डाला जा रहा है। सरकार व संबधित विभाग को ऐसे ईंट भटटा संचालकोंके खिलाफ कारवाई करनी चाहिए और ईंट के दामों को नियंत्रण में लाना चाहिए।
ईंट भट्ठा एसोसिएशन के लोगों ने ईंट निर्माण में बढ़ रहे खर्चों को लेकर कुछ दिनो पहले ज्ञापन दिया था कि ईंट के रेट बढ़ाए जाए, जिसके लिए उनको ईंट के जायज रेट बढ़ाने के लिए कहा गया था लेकिन यदि ईंट भट्टा संचालकों द्वारा नाजायज रेट बढ़ाए जा रहे है तो यह गलत है। इस बारे में भट्ठा संचालकों के साथ जल्द ही मीटिंग करके जायज रेट रखने बारे कहा जाएगा यदि फिर भी कोई भट्ठा संचालक नाजायज रेट बढ़ाता है तो उसके खिलाफ विभागीय कारवाई की जाएगी। -राजेश्वर मुदगिल, डीएफएससी अम्बाला
ईंट भट्ठा संचालकों द्वारा निर्धारित रेट से ज्यादा रेट वसूलना गलत है। इस बारे मुझे आज ही पता चला है। ऐसे भटटा संचालक जोकि नाजायज रेट वसूल रहे है उनके खिलाफ विभाग द्वारा सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। जल्द ही ईंट भट्ठा संचालकों से मीटिंग करके जायज रेट निधारित किए जाएंगे। -विनोद दुबे, निरीक्षक, खाद्य एंव आपूर्ति विभाग , बराड़ा
कोयले के रेट पहले से दौगुना से भी ज्यादा हो चुके है। इसके अलावा सरकार ईंट पर जीएसटी 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत करने जा रही है। साथ ही लेबर के महंगे होने के कारण ईंट के रेट में ईजाफा किया गया है। रेट बढ़ाने बारे संबधित विभाग को पहले से ही सूचना दे दी गई है। -गोल्डी बुधिराजा, प्रधान, अम्बाला भट्ठा एसोसिएशन
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