Water Testing : गांव का पानी कितना शुद्ध है, अब ग्रामीण खुद ही कर सकेंगे जांच

Water Testing : गांव का पानी कितना शुद्ध है, अब ग्रामीण खुद ही कर सकेंगे जांच
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पानी की गुणवत्ता को जांचने के लिए जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ने 5000 फील्ड टेस्टिंग कीट मंगवाई हैं। जिसमें पानी डालकर रखने के बाद 30 से 35 डिग्री तापमान पर 12 से 24 घंटे में पानी की गुणवत्ता का प्रमाण मिल जाएगा।

हरिभूमि न्यूज. कैथल

पानी की गुणवत्ता को जांचने के लिए जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ने 5000 फील्ड टेस्टिंग कीट मंगवाई हैं। जिसमें पानी डालकर रखने के बाद 30 से 35 डिग्री तापमान पर 12 से 24 घंटे में पानी की गुणवत्ता का प्रमाण मिल जाएगा। किट में डालने के बाद पानी काला हो गया तो वह पीने योग्य नहीं है। ऐसे गांव में पानी की शुद्धता को लेकर विभाग की ओर से समाधान के प्रयास किए जाएंगे। मंगाई गई 5000 कीटों को सभी गांव में बांटा जाएगा।

जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग वासो के जिला सलाहकार दीपक कुमार ने अपने कार्यालय में इसके लिए ब्लॉक रिसोर्स कोऑर्डिनेटर की बैठक बुलाई। जहां किट बांटने के लिए ब्लॉक रिसोर्ट कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी लगाई गई है। दीपक कुमार ने बताया कि कैथल जिले में 277 ग्राम पंचायतें हैं। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा प्रत्येक ग्राम पंचायत में पानी की शुद्धता जांच करने के लिए 18 कीट बांटी जाएंगी। ताकि ग्रामवासी अपने यहां जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा दी जा रही पानी की सप्लाई की जांच कर सकें।

6697 फील्ड टेस्टिंग कीट बांटने का लक्ष्य

अभी तक लगभग 1700 फील्ड टेस्टिंग कीट बांट दी गई है। जिला सलाहकार दीपक कुमार ने बताया कि खंड कैथल में 1118 फील्ड टेस्टिंग कीट, खंड गुहला में 1190, खंड सीवन में 794, खंड कलायत में 524, खंड ढांण्ड में 488, खंड पुंडरी में 452 व खंड राजौंद में 434 फील्ड टेस्टिंग कीट और बाटी जाएंगी ताकि लोगों को पानी की गुणवत्ता को लेकर जागरूक किया जा सके। प्रत्येक पंचायत में 18 फील्ड टेस्टिंग कीट बांटी जाएंगी। जिनमें से 2 स्कूली बच्चों को, 2 आंगनवाडी और 8 प्रत्येक ग्राम जल एवं सीवरेज कमेटी के सदस्य को दी जाएगी तो वही 6 गांव के अन्य लोगों को दी जाएंगी जिसमें भूतपूर्व सैनिक, सामाजिक कार्यकर्ता और अन्य।

दीपक कुमार ने बताया कि भू-जल का स्तर घट रहा है और लोग पीने का पानी बचाने के लिए ज्यादा गंभीर नहीं है लोग पीने के पानी को व्यर्थ बहा देते हैं। यदि ऐसा ही चलता रहा तो आने वाली पीढ़ी को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। इसलिए जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग गांव-गांव जाकर लोगों को पानी की गुणवत्ता जांच करने की किट देगा ताकि लोग पानी का सही इस्तेमाल कर सकें। कई बार पाइप लाइन में लीकेज होने के कारण पानी दूषित हो जाता है। कहीं भी लीकेज दिखती है तो विभाग के टोल फ्री नंबर 1800180 5678 पर शिकायत दर्ज कराएं। किट द्वारा कि गई जांच में पानी का सैंपल फेल हो जाता है तो जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की लैब में पानी दोबारा चेक किया जाएगा। यहां भी पानी का सैंपल फेल हो जाता है तो विभाग पानी दूषित होने का कारण जानकर उसका समाधान करेगा।

यूं करें जांच

दीपक कुमार ने बताया कि किट में पानी डालकर उसे अच्छी तरह हिलाएं और 12 से 24 घंटे के लिए रख दें। पानी का रंग हल्का भूरा रहा तो पानी पीने योग्य है। अगर पानी का रंग काला हो जाता है तो वह पानी पीने योग्य नहीं है। पानी जांच का आसान तरीका होने के कारण कोई भी व्यक्ति इस किट का प्रयोग कर सकता है। ग्रामीणों को जन स्वास्थ्य अभियांत्रिक विभाग द्वारा सप्लाई किए जा रहे पानी की जांच के लिए ही किट बांटी जाएगी।

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