बिना बच्चों के कैसे करवाएं गीता जयंती श्लोक उच्चारण प्रतियोगिता

रहमदीन : बराड़ा
गीता जंयती श्लोक उच्चारण प्रतियोगिता स्कूल टीचरों के लिए बड़ी समस्या बना हुआ है। इसके लिए जहां स्कूल में लगभग 50 बच्चों को बुलाकर ऑनलाइन प्रतियोगिता आयोजित करवानी है, तो वहीं बच्चों की कम संख्या टीचरों के लिए बड़ी परेशानी बन रही है।
प्रतियोगिता के आयोजन को लेकर भी टीचरों में रोष है। इस प्रतियोगिता को लेकर कई टीचर यूनियनों ने अपना ऐतराज जताया है। टीचर्स की मानें तो कोरोना महामारी के कारण स्कूल में आने वाले बच्चों की संख्या नाममात्र है। ऐसे समय में ब्लॉक व जिला स्तर की प्रतियोगिता आयोजित हो पाना बहुत मुश्किल है। वहीं दूसरी ओर अभिभावक भी बच्चों को कोरोना के चलते स्कूलों में भेजने से कतरा रहे है। बता दें कि इन दिनों स्कूलों में केवल कक्षा दसवीं और 12 वींं के ही बच्चें आ रहे हैं। लेकिन वह भी पूरी संख्या में नहीं आ पा रहे है। ऐसे में कम छात्र संख्या के चलते प्रतियोगिता कैसे हो पाएगी इसके लिए टीचर ही नहीं विभाग के अधिकारी परेशान है।
संघ ने जताया ऐतराज
हरियाणा अनुसूचित जाति राजकीय अध्यापक संघ ब्लाक बराड़ा के प्रधान लहरी सिंह और सचिव दिनेश कुमार ने कहा कि गीता जयंती का श्लोक उच्चारण कार्यक्रम अध्यापकों के लिए समस्या बना हुआ है। वह भी उस समय जब कोरोना महामारी के कारण सभी विद्यालय लगभग बंद हैं। सरकार के नियम और शर्तों के अनुसार इस समय विद्यालय में केवल 10 वीं और 12वीं के छात्र ही नाम मात्र की संख्या में आ रहे हैं। बहुत से स्कूलों में तो बच्चों की उपस्थिति जीरो है। जहां एक तरफ तो सरकार यह कह रही है कि बच्चों को कॉविड के जांच करवाने के बाद ही विद्यालय में उपस्थित होना है और दूसरी तरफ विभागीय आदेश के अनुसार अध्यापकों पर दबाव बनाया जा रहा है कि प्रत्येक विद्यालय से 50-50 बच्चे श्लोक उच्चारण करें और उनका ऑनलाइन भागीदारी सुनिश्चित करें जबकि ऐसा संभव नहीं है।
क्या कहते है डिप्टी डीईओ
हमने इस ऑनलाईन प्रतियोगिता के लिए जिले के बड़े 50 स्कूलों को चयन किया है। इस प्रतियोगिता में पूरे जिले से लगभग 780 बच्चों ने भाग लेना है। लेकिन इसके लिए बराड़ा ब्लॅाक के किन स्कूलों व किन कक्षाओं के बच्चों को स्कूल में आना है इसके बारे में बीईओ बराड़ा ही बता सकती है। सुधीर कालड़ा, डिप्टी डीईओ अम्बाला।
क्या कहतीं है बीईओ
इस प्रतियोगिता के लिए हमने पूरे ब्लॉक से केवल उन ही कक्षाओं के बच्चों का चयन किया है, जिन कक्षाओं को विभाग ने पहले ही स्कूल में आने की अनुमति दे रखी है। वह सब बच्चे पहले से ही स्क्रीनिंग टैस्ट करवा चुके है और विभाग द्वारा जारी की गई गाईडलाईन का भी पालन कर रहे है। - सुदेश कुमारी, बीईओ बराड़ा।
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