कैसे तैयार होगी खिलाड़ियों की पौध, स्टेडियम की हालत खस्ता, खिलाड़ी पानी को भी तरस रहे

कैसे तैयार होगी खिलाड़ियों की पौध, स्टेडियम की हालत खस्ता, खिलाड़ी पानी को भी तरस रहे
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  • देखरेख के अभाव में स्टेडियम का भवन हो चुका बदहाल, शरारती तत्वों ने भवन के तोड़े शीशे
  • भवन के दरवाजे व खिड़कियां भी हो चुकी गायब, मैदान में खड़ी है बड़ी-बड़ी झाड़ियां
  • कच्चे ट्रैक पर दौड़ने को मजबूर है खिलाड़ी, खेल मैदान में शौचालय तक का है अभाव

महेंद्रगढ़। सरकार की ओर से खिलाड़ियों (Players) को बढ़ावा देने के लिए बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं, लेकिन महेंद्रगढ़ के खेल स्टेडियम (Sports stadium) में सरकार के सभी दावे फेल हो रहे हैं। यहां के खेल स्टेडियम में खिलाड़ियों की सुविधा तो दूर की बात है, यहां खिलाड़ियों पीने तक का पानी नसीब नहीं होता। अधिकारियों व सरकार के कई बार शिकायत पहुंचाने के बाद भी खिलाड़ियों की सुध नहीं ली जा रही है। ऐसे में सवाल है कि महेंद्रगढ़ शहर में खिलाड़ियों की नई पौध कैसे तैयार होगी।

बता दें कि महेंद्रगढ़ जिला प्रदेश के सबसे पुराने जिले में से एक है। वहीं सरकार की अनदेखी के चलते जिला लगातार अन्य जिलों से पिछड़ा जा रहा है। यहां के खेल स्टेडियम केवल नाम का ही रह गया है। सुविधा के नाम पर खेल मैदान में कुछ भी नहीं है। इसके बावजूद भी सुबह-शाम भारी संख्या में खिलाड़ी खेल में भविष्य बनाने की मांग चाहत लेकर अभ्यास करने पहुंचते हैं। खिलाड़ियों का कहना है कि अगर उनको सुविधाएं मिले तो अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर जिले का नाम रोशन कर सकते हैं।

यह भी बता दें कि महेंद्रगढ़ शहर में तत्कालीन कांग्रेस सरकार में कॉलेज ग्राउंड के पास 20 दिसबंर 2006 को खेल स्टेडियम का शिलान्यास पूर्व केंद्रीय उत्पादन राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने किया था। 22 अगस्त 2010 को पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने खेल स्टेडियम का लोकार्पण किया। अब स्टेडियम के भवन की हालात ऐसी है कि भवन में लगे शीशे शरारती तत्वों द्वारा तोड़ दिए गए हैं। टूटे हुए शीशे स्टेडियम के भवन में बिखरे हुए हैं। यह शीशे किसी को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसके अलावा भवन के सभी दरवाजे व खिड़कियां गायब हो चुकी हैं। खेल मैदान में बड़ी-बड़ी झाड़ियां खड़ी हैं। इसके अलावा खिलाड़ियों के दौड़ने के लिए बनाया गया ट्रैक भी कच्चा है। यह भी साइड से पूरी तरह से टूट चुका हैं। इसके अलावा भवन में जिम केे लिए लगाई गई मशीन भी कबाड़ हो चुकी है। जो साइड के कमरे में पड़ी हुई है।

काफी संख्या में खिलाड़ी करते है अभ्यास

स्थानीय खेल स्टेडियम में सुबह-शाम भारी संख्या में खिलाड़ी अभ्यास करने के लिए आते हैं। यहां खिलाडि़यों के पीने के पानी तक की व्यवस्था नहीं हैं। खिलाड़ी अपने घर से पानी लेकर स्टेडियम में आते हैं। वहीं शौचालय चालू नहीं होने के कारण खिलाडि़यों को परेशानी उठानी पड़ती है। सबसे अधिक परेशानी लड़कियों को उठानी पड़ रही हैं।

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