बहादुरगढ़ : एचएसआईआईडीसी ने सेक्टर-4बी के लिए वर्ष 2008 में किया था भूमि अधिग्रहण, किसानों ने ना मुआवजा लिया और ना कब्जा छोड़ा

बहादुरगढ़ : एचएसआईआईडीसी ने सेक्टर-4बी के लिए वर्ष 2008 में किया था   भूमि अधिग्रहण, किसानों ने ना मुआवजा लिया और ना कब्जा छोड़ा
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अब निगम द्वारा कब्जा लेने की कवायद तेज कर दी गई है। वहीं गांव कसार निवासी महेंद्र ने एक बार फिर सीएम विंडो पर शिकायत दी है। उसमें बताया है कि उनकी कृषि योग्य भूमि का अधिग्रहण वर्ष 2008 में गलत तरीके से किया गया था।

हरिभूमि न्यूज : बहादुरगढ़

हरियाणा राज्य औद्योगिक आधारभूत संरचना विकास निगम द्वारा गांव कसार में फिरनी के साथ लगती भूमि को भी करीब 14 वर्ष पूर्व अधिग्रहण किया था। लेकिन किसान तब से ही इसकी खामियों को लेकर अदालत और अधिकारियों के समक्ष गुहार लगा रहे हैं। एक तरफ जहां किसानों ने ना तो मुआवजा लिया और ना ही कब्जा छोड़ा, वहीं अब निगम द्वारा कब्जा लेने की कवायद तेज कर दी गई है।

गांव कसार निवासी महेंद्र ने एक बार फिर सीएम विंडो पर शिकायत दी है। उसमें बताया है कि उनकी कृषि योग्य भूमि का अधिग्रहण वर्ष 2008 में गलत तरीके से किया गया था। महेंद्र के पिता रोहतास ने इसके विरुद्ध हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की थी। इतना ही नहीं उनके द्वारा ना तो इसका मुआवजा उठाया गया और ना ही कब्जा छोड़ा गया है। महेंद्र के अनुसार उनकी कृषि योग्य भूमि के साथ ही आबादी देह से सटे 1957-58 के इस्तेमाल के प्लॉट संख्या 417 का भी अधिग्रहण कर लिया गया था। इसके खिलाफ वे लगातार राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री से लेकर हर दरवाजे पर गुहार लगा चुके हैं। उन्होंने पहले भी वर्ष 2018 में सीएम विंडो पर शिकायत की थी। जिस पर निगम द्वारा अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई। इतना ही नहीं निगम के अधिकारी राजनीतिक प्रभाव में जमीन का कब्जा लेने पहुंच गए। एचएसआईआईडीसी के अधिकारियों ने कब्जा छुड़वाने को लेकर नोटिस तो 30 अगस्त का दिया था, लेकिन अधिकारी कब्जा लेने 2 सितंबर को पहुंचे।

महेंद्र का कहना है कि उन्होंने नेताओं और अधिकारियों के भ्रष्टाचार को लेकर विभिन्न स्तरों पर शिकायत कर रखी है। जिससे तंग आकर कुछ नेता व अधिकारी उन पर अनुचित कार्रवाई करवाने में जुटे हैं। उनके अनुसार इस मामले में बहादुरगढ़ अदालत में भी केस विचाराधीन है। महेंद्र का कहना है कि उनके इस्तेमाल वाले प्लॉट को अधिग्रहण से मुक्त किया जाए तथा आरएंडआर पॉलिसी के तहत प्रत्येक हिस्सेदार को प्लाट दिए जाने बारे भूमि अर्जन प्रमाण पत्र का समय बढ़़ाया जाए।

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