एचएसआईआईडीसी की सड़कों का भी हो चुका बुरा हाल, नोटिस जारी होने के बाद पानी का छिड़काव कराने तक सीमित

एचएसआईआईडीसी की सड़कों का भी हो चुका बुरा हाल, नोटिस जारी होने के बाद पानी का छिड़काव कराने तक सीमित
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बावल औद्योगिक एरिया में एचएसआईआईडीसी के अधीन आने वाले कई सड़कों की हालत जर्जर हो चुकी है। वाहनों का दबाव अधिक होने के कारण इन सड़कों से दिन भर धूल उड़ती रहती है। यही धूल हवा में मिलकर फैल जाती है, जिससे प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है।

हरिभूमि न्यूज.रेवाड़ी। दिल्ली-जयपुर नेशनल हाइवे देश के व्यस्ततम मार्गों में से एक है। इस मार्ग से रोजाना लाखों की संख्या में आवागमन होता है। एनएच पर चलने वाले वाहन तो प्रदूषण बढ़ाने का कारण बन ही रहे हैं, साथ ही औद्योगिक एरिया में एचएसआईआईडीसी की टूटी सड़कों से उड़ने वाली धूल भी प्रदूषण को बढ़ावा दे रही है।

प्रदूषण का संकट लगातार गहराता जा रहा है। तापमान में गिरावट के बाद सर्दी के मौसम में यह समस्या और भी गंभीर होने वाली है। वाहनों के धुआं के साथ-साथ टूटी सड़कों से उड़ने वाली धूल पर्यावरण को प्रदूषित का काम कर रही है। बावल औद्योगिक एरिया में एचएसआईआईडीसी के अधीन आने वाले कई सड़कों की हालत जर्जर हो चुकी है। वाहनों का दबाव अधिक होने के कारण इन सड़कों से दिन भर धूल उड़ती रहती है। यही धूल हवा में मिलकर फैल जाती है, जिससे प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है। धारूहेड़ा और बावल दोनों औद्योगिक कस्बों के बीच ज्यादा दूरी नहीं है। एयर क्वालिटी इंडक्स मापने का यंत्र धारूहेड़ा नगर पालिका परिसर की छत पर लगा हुआ है, जिस कारण बावल का प्रदूषण भी धारूहेड़ा का एक्यूआई बढ़ाने का काम कर रहा है। कई सड़कें ऐसे स्थानों पर टूटी हुई हैं, जहां से बड़ी संख्या में वाहनों का आवागम होता है। बणीपुर चौक के आसपास सड़क का बुरा हाल है। अभी तक एनएचएआई के सर्विस रोड की हालत भी जर्जर थी, परंतु प्राधिकरण की ओर से अधिकांश सर्विस रोड का निर्माण कराया जा चुका है।

एक्यूआई पहुंचा साढ़े तीन सौ के पास

एक्यूआई एक बार फिर से बढ़कर 344 पर पहुंच चुका है। प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के आदेशों को अमलीजामा पहचाते हुए टूटी सड़कों पर पानी की छिड़काव लगातार कराया जा रहा है। धारूहेड़ा नगर पालिका की ओर से भी सड़कों पर पानी का छिड़काव कराया जा रहा है। एक्यूआई संयत्र के आसपास पानी के छिड़काव का ज्यादा जोर दिया जा रहा है, ताकि ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम में एक्यूआई कम दर्ज हो सके। एनएचएसआई की ओर से अपने क्षेत्र की धूल उड़ाने वाली सड़कों पर भी पानी की बौछारों कराई जा रही हैं।

ग्रेप-4 रोक रहा सड़क निर्माण का रास्ता

प्रदूषण का स्तर बढ़ने के कारण एनसीआर में ग्रेप-4 लागू किया जा चुका है। इससे निर्माणकार्यों पर पूरी तरह से रोक लगी हुई है। एचएसआईआईडीसी की ओर से कई सड़कों का निर्माण भी हाल ही में कराया गया है, परंतु बची हुई सड़कों का निर्माण ग्रेप-4 की पाबंदी के चलते अधर में लटका हुआ है। अब ठंड का प्रकोप नियमित रूप से बढ़ेगा। तापमान में गिरावट आने के बाद सड़कों पर उड़ने वाली धूल एक्यूआई बढ़ाने का काम करेगी। आने वाले दिनों में एक्यूआई 400 के पार पहुंचने के पूरे आसार हैं।

कई सड़कों का हो चुका निर्माण

हमारे एरिया की कई टूटी सड़कों का निर्माण कराया जा चुका है। जिन सड़कों का वर्क ऑडर जारी किया हुआ है, ग्रेप-4 लागू होने के कारण उनका निर्माण रुका हुआ है। जल्द ही बची हुई सड़कों का निर्माण कराया जाएगा। - अशोक यादव, डीजीएम, एचएसआईआईडीसी।

शिकायत मिलने पर ही एक्शन

टूटी सड़कों के कारण वायु प्रदूषण बढ़ता है। इन सड़कों से उड़ने वाली धूल के संबंध अगर कोई शिकायत करता है, तो प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की ओर से नोटिस जारी करने का एक्शन लिया जाता है। अभ ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली है। -हरीश कुमार, आरओ, पीसीबी।

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