कलेक्टर दरों में रातों रात भारी ईजाफा, आमजन की जेब पर भारी पड़ेगा जमीन रजिस्ट्रेशन

हरिभूमि न्यूज : बाढड़ा ( भिवानी )
जिला प्रशासन द्वारा उपमंडल क्षेत्र के शहरी व ग्रामीण कृषि रकबे के लिए प्रस्तावित कलेक्टर दरों में भारी ईजाफा करने से क्षेत्र में नया विवाद हो गया है। राजस्व विभाग ने ग्रामीण क्षेत्र के प्रतिवर्ग गज के मौजूदा 1500 को बढ़ाकर 2500 व बाढड़ा उपमंडल कस्बे में 4000 से बढ़ाकर 7000 करने की रातों रात जो दरें लागू की हैं वह आजन की जेब पर भारी पड़ेंगी, जिसको लेकर उपमंडल के वकीलों ने तीसरे दिन भी अपना विरोध करते हुए प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी जारी रखी तथा जिला प्रशासन से पिछले वर्ष की तर्ज पर ही निश्चित दरें लागू करने की मांग की।
प्रदेश सरकार के राजस्व विभाग द्वारा प्रति वित्त वर्ष स्टांप शुल्क के लिए कलेक्टर रेट निर्धारित किए जाते हैं जो एसडीएम व राजस्व विभाग के डीआरओ द्वारा तैयार प्रारुप को उपायुक्त द्वारा अंतिम स्वीकृति दी जाती है। उपमंडल क्षेत्र के रकबे की तैयार की गई 1 जनवरी 2022 से 31 दिसंबर 2022 प्रस्तावित स्टांप कलेक्टर ड्यूटी में शहरी क्षेत्र में जहां बाढड़ा के मुख्य चौराहे पर 1 अप्रैल 2021 से संचालित 15 हजार प्रतिवर्ग गज कमर्शियल व 5000 रिहायशी दरों में वृद्धि करते हुए कमर्शियल 18 हजार प्रतिवर्ग गज व रिहायशी क्षेत्र में 5000 वर्ग गज कर दिया है। वहीं कस्बे के चारों सड़क मागार्े के लिए निर्धारित सौलह सेक्टरों में पहले से निर्धारित 15 हजार प्रति वर्ग गज में तीन हजार की वृद्धि की सिफारिश की गई है वहीं रिहायशी प्रतिवर्ग गज में पांच हजार से बढाकर सात हजार रुपये करने के अलावा मुख्य चौक से एक किलोमीटर के दायरे में सभी सड़क मार्गों पर कृषि क्षेत्र की सिंचाई नहरी प्रति एकड़ 47 लाख से बढाकर 55 लाख व बरानी भूमि प्रति एकड़ 42 लाख से 50 लाख, गैरमुमकिन भूमि में 60 लाख से बढाकर 70 लाख दरों की प्रस्तावना तैयार की गई है।
इसके अलावा गांव बाढड़ा में सड़क मार्ग से दो एकड़ गहराई व सभी सड़क मार्गों पर मुख्य चौक से एक किलोमीटर की दूरी पर नहरी प्रति एकड़ 12 लाख से बढाकर 17 लाख, बरानी प्रति एकड़ 10 लाख से बढाकर 15 लाख, गैरमुमकिन का 17 लाख से बढाकर 22 लाख की सिफारिश की गई है। उपमंडल के सभी गांवों में नैशनल हाईवे पर मौजूदा स्टांप शुल्क की दरों के साथ ही 6 लाख रुपये प्रति एकड़, राज्य सड़क मार्गों पर चार लाख प्रति एकड़, लिंक रोड़ पर 3 लाख प्रति एकड़ हिसाब से दो एकड़ की गहराई तक कीमत अधिक लगाई जाएगी। सभी गांवों में आबादी से एक किलोमीटर की दूरी तक एक हजार वर्ग की बिक्री होने वाली भूमि को कृषि, रिहायशी की बजाए गजों में मूल्यांकन करते हुए गजों में ही पंजीकरण किया जाएगा।
दस लाख के भाव पर दो लाख की वृद्धि की प्रस्तावना
प्रशासन द्वारा गठित कमेटी ने उपमंडल मुख्यालय के व्यवासायिक, रिहायशी रकबे में की गई स्टांप शुल्क कलेक्टर दरों में बेतहाशा वृद्धि के बाद ग्रामीण क्षेत्र की भूमि की खरीद में बीस फिसदी वृद्धि की है। राजस्व विभाग की प्रस्तावित सूचि में गांव कारीमोद, जगरामबास, गोविंदपूरा, कारी धारणी, खोरड़ा, कारी तोखा, मथुरा, कारी रुपा, कारीदास, श्यामकलां, भोपाली, द्वारका, लाडावास, काकड़ौली सरदारा, काकड़ौली हठी, काकड़ौली हुक्मी, टोडी, कुब्जानगर, बिंद्राबन, बिलावल, कान्हड़ा, रहड़ौदी कलां, रहड़ौदी खुर्द, लाड, हुई, उमरवास, दगड़ौली, गोपालवास, बडराई, डांडमा, निमड़ बडेसरा, धनासरी, किष्कंधा, बेरला, मांढी केहर, कादमा, पिचौपा, पंचगावां, मांढी हरिया, मांढी पिरानु, डालावास, चांदवास, हंसावास कलां, हंसावास खुर्द, जेवली, भांडवा, भारीवास, गोपी, सुरजगढ, नांधा, जीतपुरा, रहड़ौदा इत्यादि गांवों की नहरी भूमि प्रत एकड़ की मौजूदा 10 लाख कलेक्टर रेट को बढाकर 12 लाख, बरानी भूमि को 9 लाख से दस लाख व गैरमुमकीन भूमि को 15 सौ रुपये प्रति गज से बढाकर 25 सौ रुपये प्रति गज की सिफारिश कर दी गई है।
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