जान से प्यारी बेटी ने दुनिया छोड़ी तो पिता ने निभाई इंसानियत, करवाया नेत्रदान

जान से प्यारी बेटी ने दुनिया छोड़ी तो पिता ने निभाई इंसानियत, करवाया नेत्रदान
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एक पिता ने अपनी बेटी के नेत्रों का दान इस भावना के साथ करवाया कि बेटी के जाने से मेरे घर की रोशनी बेशक चली गई हो लेकिन किसी के घर के अंदर जाकर तो रोशनी बनेगी।

करनाल। एक पिता के लिए सबसे बड़ा दुख का विषय होता है जब उसकी आंखों के सामने उसकी बेटी प्रभु के पास चली जाए और वह पिता कितना महान होता है जो इस दुख की घड़ी के अंदर भी अपनी बेटी से सेवा का कार्य करवाता हो। एक पिता ने अपनी बेटी के नेत्रों का दान इस भावना के साथ करवाया कि बेटी के जाने से मेरे घर की रोशनी बेशक चली गई हो लेकिन किसी के घर के अंदर जाकर तो रोशनी बनेगी।

करनाल के रामनगर के रहने वाले सुनील कुमार की बिटिया बीमारी के चलते प्रभु को प्यारी हो गई तो परिवार ने दुख की घड़ी के अंदर भी नेत्रदान के पवित्र पावन कार्य को करने का संकल्प लिया और मात्र 16 साल की बिटिया के नेत्रों का दान माधव नेत्र बैंक को करवा दिया। इस सेवा कार्य के दौरान रामनगर क्षेत्र से सीनियर डिप्टी मेयर राजेश अग्घी, प्रमोद नागपाल, श्याम सुंदर, अनु मदान, दीप्ति कुकरेजा, सीमा खुराना, रवि मदान, जगदीश सभरवाल व अनु मदान का भरपूर योगदान रहा। भारत विकास परिषद श्री राधा कृष्ण शाखा एवं अपना आशियाना आश्रम के सभी सेवादारों के द्वारा इस सेवा कार्य को संपूर्ण किया नेत्रदान की प्रक्रिया श्मशान घाट के अंदर पूर्ण की गई।

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