झज्जर : सड़कों पर सैकड़ों की संख्या में बेसहारा गौवंश, अधिकारियों की अनदेखी बनी लोगों के लिए खतरा

झज्जर : सड़कों पर सैकड़ों की संख्या में बेसहारा गौवंश, अधिकारियों की अनदेखी बनी लोगों  के लिए खतरा
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सड़क के बीचों-बीच बैठे इन पशुओं को बचाने के चक्कर में कई दफा हादसे भी हो चुके है। लेकिन प्रशासनिक स्तर पर इन्हें गौशालाओं में भेजने की कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है। जिसके चलते शहरवासियों में काफी रोष भी बना हुआ है।

हरिभूमि न्यूज.झज्जर : दिन हो या रात शहर के गली-मोहल्लों, सड़कों, चौक-चौराहों यहां तक कि हाईवे और खेतों में भी बेसहारा गौवंशों (Destitute Cows) का जमावड़ा लगा रहता है। जिसके चलते आमजन, दुकानदार, किसान, वाहन चालक सभी परेशान है। कई बार दुर्घटनाएं (Accidents) भी हो चुकी है। फिर भी संबंधित इकाई के स्तर पर ऐसे कोई इंतजाम नहीं किए जा रहे है। खास बात यह है कि दिन-प्रतिदिन इनकी संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है। जोकि लोगों की दिक्कतें बढ़ा रही है। दिनभर ये बेसहारा गौवंश शहर की सड़कों, बाजारों, गली मौहल्लों में घूमते रहते है। लेकिन रात के समय ये बेसहारा पशु सड़कों के बीचों-बीच अपना डेरा जमा लेते हैं। किसी स्थान पर सड़कों के बीचों-बीच बैठ जाना तो किसी स्थान पर खड़े रहते है। जिसके चलते दुर्घटना होने की अंदेशा बना रहता है। सड़क के बीचों-बीच बैठे इन पशुओं को बचाने के चक्कर में कई दफा हादसे भी हो चुके है। लेकिन प्रशासनिक स्तर पर इन्हें गौशालाओं में भेजने की कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है। जिसके चलते शहरवासियों में काफी रोष भी बना हुआ है।

गली मोहल्लों से लेकर हाईवे और खेतों तक पहुंच रहे बेसहारा गौवंश:इन बेसहारा गौवंशों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। शहर की कोई भी ऐसी गली नहीं बची है, जिसमें ये बेसहारा पशु ना घूम रहे हो। कई पशु तो इतने हिसंक है कि कई लोगों को चोटिल भी कर चुके है। बुर्जगों और बच्चों को तो अकेले घर से बाहर निकलने में भी डर लगता है। शहर के चौपटा बाजार में तो लड़ते हुए गौवंश दुकान के बाहर लगी स्टॉल पर ही गिर गए। जिसके चलते दुकानदारों को काफी चोटें आई। इसके अलावा छावनी मोहल्ला, डायमंड चौक सहित कई स्थानों को लोगों पर प्रहार कर चोटिल कर चुके है। प्रतिदिन सोशल मीडिया पर भी हिसंक बेसहारा गौवंश के वीडियो भी वायरल हो रहे है। फिर भी इनको पकड़ने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

स्थानीय निवासी कृष्ण गुलिया, विकास शर्मा, बिल्लू धींगड़ा, शंटी तलवार, जयभगवान आदि का कहना है कि बीते कुछ महीनों में इन बेसहारा गौवंशों की संख्या में भी बेहताशा वृद्धि हुई है। पहले इनका दायरा सीमित था और ये सिर्फ सब्जी मंडी में ही दिखाई देते थे। लेकिन अब तो शहर की प्रत्येक गली मौहल्लों में घूमते दिखाई देते है। लेकिन अंबेडकर चौक, शिव कालोनी, पुराना बस अड्डा रोड और सरकुर्लर रोड पर हालत ज्यादा खराब है। जहां रात के समय ये सड़कों के बीचों-बीच बैठ जाते है। जिसके चलते दुर्घटना होने का अंदेशा बढ़ रहा है और इससे पहले कई हादसे हो भी चुके है।

बेसहारा गौवंश की संख्या संबंधित कोई आंकडें नहीं : नगर परिषद के एमई मंदीप कुमार ने बताया कि सेनेटाइजेशन विभाग द्वारा बेसहारा गौवंशों की संख्या के संबंध में कोई आंकड़े नहीं दिए गए है। जैसे ही इनकी संख्या के संबंध में आंकड़े उपलब्ध होते है। उसके अनुसार ही टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

शहर में करीब एक हजार बेसहारा गौवंश : सफाई निरीक्षक आनंद मलिक ने बताया कि शहर की सड़कों पर करीब एक हजार बेसहारा गौवंश है। इनकी संख्या प्रतिदिन घटती बढ़ती रहती है। लेकिन कोई स्टीक आंकड़े नहीं है।

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