विद्यार्थियों के पीने का पानी दुषित मिला तो स्कूल प्रबंधन पर होगी कार्रवाई, देना होगा शुद्ध जल का प्रमाण पत्र

हरिभूमि न्यूज : भिवानी
जैसे-जैसे गर्मी का प्रकोप बढ रहा है, वैसे-वैसे पेयजल से भी बीमारियां पनपने की संभावना बढ रही हैं। भिवानी के डीसी आरएस ढिल्लो ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला शिक्षा अधिकारी और जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए हैं वे जिले के सभी गैर सरकारी और सरकारी स्कूलों में बच्चों के लिए स्वच्छ पेयजल मुहैया करवाना सुनिश्चित करें। इसके लिए स्कूलों में वाटर टैंकों की सफाई करवाने के साथ-साथ पानी में क्लोरीन की उचित मात्रा होना जरूरी है। यदि स्कूलों में बच्चों को दुषित/गंदा/अशुद्ध पानी पीने को मिलता है और दुषित पानी पीने से बच्चा बीमार होता है तो स्कूल प्रबंधन पर सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। वाटर टैंकों की सफाई के लिए डीसी ने 18 अप्रैल तक की मोहल्लत दी है।
उल्लेखनीय है कि दिन-प्रतिदिन गर्मी अपने परवान पर आ रही है। अबकी बार तो गर्मी मौसम विभाग के अनुसार अन्य सालों की अपेक्षा दो सप्ताह पहले आई है। ऐसे में हमारे शरीर के लिए पानी की जरूरत भी बढऩा स्वाभाविक है, लेकिन पीने के लिए स्वच्छ पेयजल मिलना चाहिए। आमतौर पर बच्चों को दुषित/गंदा पानी पीने से पेट दर्द, उल्टी और दस्त की शिकायतें होने लगती हैं। बीमार होने से बच्चे चक्कर खाकर भी गिर जाते हैं। डीसी ढिल्लो ने जिला शिक्षा अधिकारी और जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए कि वे स्कूलों में बच्चों के शुद्ध व स्वच्छ पेयजल मुहैया करवाना सुनिश्चित करें। इसके लिए सभी स्कूल मुखियाओं को निर्देश दिए जाएं कि वे अपने स्कूलों में बच्चों के लिए बनाए गए वाटर टैंकों व छतों पर रखी टंकियों की सफाई करवाएं। इसके साथ-साथ पानी में क्लोरीन की उचित मात्रा होनी चाहिए।
स्कूल मुखियाओं से लिए जाएंगे प्रमाण पत्र
उपायुक्त ने निर्देश दिए हैं कि स्कूल मुखियाओं से इस बात के प्रमाण पत्र लिए जाएं कि उन्होंने अपने-अपने स्कूलों में बनाई या रखी गई पानी की टंकी और टैंकों की सफाई करवा दी है और बच्चों को स्वच्छ व शुद्ध पानी मुहैया करवाया जा रहा है। सफाई करवाकर प्रमाण देने के लिए स्कूल संचालकों को 18 अप्रैल तक की मोहल्लत दी है। प्रमाण पत्र दिए जाने के बाद जिला प्रशासन द्वारा स्कूलों की पानी की टंकियों का औचक निरीक्षण करवाया जाएगा। औचक निरीक्षण के दौरान यदि किसी स्कूल की पानी की टंकी में गंदगी मिलती है तो उसके खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
सख्त कार्रवाई होगी : डीसी
इस बारे में उपायुक्त आरएस ढिल्लो ने कहा कि दुषित पानी का छोटे बच्चों पर और भी ज्यादा दुष्प्रभाव पड़ता है। इसी चलते शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे स्कूलों में स्वच्छ पेयजल मुहैया करवाना सुनिश्चित करवाएं। यदि दुषित पानी पीने से कोई बच्चा बीमार होता है तो स्कूल संचालक या स्कूल मुखिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। ऐसे में सभी स्कूल मुखिया अपने-अपने स्कूल में बनाई गई पानी की टंकियों की सफाई करवा लें। प्रमाण पत्र मिलने के बाद स्कूलों का औचक निरीक्षण करवाया जाएगा, यदि उस दौरान स्कूलों में अशुद्ध पेयजल मिलता है तो संबंधित स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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