हाथ-पांव व मुंह में छाले दिखें तो बच्चों को भेज दें घर, HFMD को लेकर स्कूलों को निर्देश, जानें इस बीमारी के लक्षण

हाथ-पांव व मुंह में छाले दिखें तो बच्चों को भेज दें घर, HFMD को लेकर स्कूलों को निर्देश, जानें इस बीमारी के लक्षण
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इस मौसम में छोटे बच्चों में ( पांच साल से कम की आयु वर्ग में ) अजीब तरह की बीमारी फैली है। हालांकि अभी प्रदेश में इस बीमारी के ज्यादा मामले नहीं हैं, लेकिन ऐहतिहात के तौर पर शिक्षा विभाग ने बच्चों के हाथ, पैर व मुंह में लाल रंग के छाले होने पर उनको घर भेजने के आदेश दिए हैं।

पुरुषोत्तम तंवर : भिवानी

कोरोना संक्रमण के बाद छोटे बच्चों में हाथ, पांव और मुंह पर बन रहे छालों ( Hand-Foot-Mouth Disease ) को लेकर शिक्षा विभाग गंभीर हो गया है। शिक्षा विभाग ने उक्त बीमारी से प्राइमरी क्लास के बच्चों को बचाने के लिए एडवाइजरी जारी कर दी है। शिक्षा विभाग ने उक्त बीमारी के लक्षण नजर आने पर बच्चों को स्कूल से वापस घर भेजने के आदेश जारी किए हैं। चूंकि यह बीमारी संक्रामक है और हवा या एक दूसरे के सम्पर्क में आने की वजह से फैल रही है। शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों में निर्देश भेजकर उक्त आदेशों की कड़ाई से पालना करने की कही है।

क्या हैं इस बीमारी के लक्षण

शिक्षा विभाग ने स्कूलों को दिए निर्देशों में कहा है कि इस मौसम में छोटे बच्चों में ( पांच साल से कम की आयु वर्ग में ) अजीब तरह की बीमारी फैली है। हालांकि अभी प्रदेश में इस बीमारी के ज्यादा मामले नहीं हैं, लेकिन ऐहतिहात के तौर पर शिक्षा विभाग ने बच्चों के हाथ, पैर व मुंह में लाल रंग के छाले होने पर उनको घर भेजने के आदेश दिए हैं। इस बीमारी की चपेट में आने के बाद बच्चे को पहले बुखार होता है, भूख गायब हो जाती है, गला खराब होने लगता है, बच्चा अपने आप को अस्वस्थ महसूस करने लगता है। बुखार आने के एक - दो दिन बाद बच्चे के हाथों की हथेली, पैरों के तलवे, घुटनों व कोहनी आदि पर लाल रंग के छाले से बन जाते हैं। उन छालों में तेज जलन होती है। अगर किसी बच्चे में इस तरह के लक्षण नजर आएं तो तत्काल बच्चे को वापस घर भेजा जाए और जब तक बच्चा ठीक नहीं हो जाता। तब तक उसे स्कूल में न बुलाया जाए। इस मामले में किसी तरह की कोई कोताही नहीं होनी चाहिए।

संक्रामक है रोग, आपस में मेल व मिलाप से बचें बच्चे

निर्देशों में बताया गया है कि अगर किसी बच्चे को इस तरह के लक्षण नजर आते हैं तो उस बच्चे को अन्य बच्चों के साथ न बैठाएं। चूंकि यह बीमारी खासने, छीकनें, छूने, आंख को हाथ लगाने आदि से फैलती है। इसके अलावा विद्यार्थियों को चम्मच, टिफन व पानी की बोत्तल आदि सामान बच्चे आपस में शेयर न करें। इस मामले में शिक्षक कतई ढिलाई व कोताही न बरतें। अगर किसी भी शिक्षक ने इस तरह के मामलों में कोताही व ढिलाई बरती तो उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

बार-बार हाथ धोकर बीमारी से बचाएं

स्कूलों को भेजे आदेशों में कहा गया है कि अगर किसी बच्चे में इस तरह के लक्ष्ण नजर आते हैं उन बच्चों के बार-बार हाथों को पानी से धुलवाएं। विद्यार्थियों को जागरूक भी करें कि वे बार-बार बिना हाथ धोए नाक व मुंह को स्पर्श न करें। किसी बच्चे को भूख कम लगती है। खाना खाने में असहज लग रहा हो। उस बच्चे के अभिभावकों को बुलवाकर घर भेजें। साथ ही चिकित्सीय परामर्श जरूर करवाएं।

क्या कहते हैं सीएमओ

सीएमओ डा. रघुबीर शांडिल्य ने बताया कि ऐसे लक्षण पाए जाने पर दूसरे बच्चों को अलग रखें। चूंकि इस तरह की बीमारी पूरी तरह से संक्रामक होती है। वह हवा व एक दूसरे के सम्पर्क में आने के बाद फैलती है। फिलहाल इस तरह के केस उनकी नजर में नहीं आए हैं, लेकिन फिर भी सावधानी बरतना बेहद जरूरी है। अगर किसी बच्चे में इस तरह के लक्षण नजर आए तो उस बच्चे को घर पर ही अलग रखा जाए। ताकि दूसरे बच्चों को संक्रमित होने से बचाया जा सके।

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