स्ट्रेचर नही मिला तो गर्भवती महिला को गोद में उठाकर दौड़ पड़े डिप्टी सिविल सर्जन, फिर भी नहीं बचा पाए जान

स्ट्रेचर नही मिला तो गर्भवती महिला को गोद में उठाकर दौड़ पड़े डिप्टी सिविल सर्जन, फिर भी नहीं बचा पाए जान
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महिला की पहचान उत्तर प्रदेश के बांदा निवासी सोनिया के रूप में हुई। मृतक महिला सोनिया अपने पति रामशाही के साथ गांव खरकरामजी के एक ईंट-भट्ठे पर मजदूरी करती थी और आठ माह की गर्भवती थी। महिला की मौत के बाद उसका कोरोना टेस्ट किया गया लेकिन वह नेगेटिव मिला।

हरिभूमि न्यूज : जींद

जिला मुख्यालय स्थित नागरिक अस्पताल में उस समय हड़कंप मच गया जब एक गर्भवती महिला काफी देर तक इमरजेंसी तक जाने के लिए स्ट्रेचर का इंतजार करती रही। मौके पर मौजूद वरिष्ठ दंत चिकित्सक डा. रमेश पांचाल ने स्ट्रेचर का इंतजार नहीं किया और तुरंत प्रभाव से महिला को उपचार के लिए अपनी गोद में उठा लिया और इमरजेंसी तक पहुंचाया। जहां खून की कमी के चलते गर्भवती महिला की मौत हो गई। स्वास्थ्य विभाग अब मामले की जांच कर रहा है। सोमवार दोपहर एक गर्भवती महिला की तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल लेकर पहुंचे स्वजनों को इमरजेंसी में लेकर जाने के लिए स्ट्रेचर नहीं मिला। स्ट्रेचर नहीं मिलने का पता चलते ही वरिष्ठ दंत चिकित्सक डा. रमेश पांचाल मौके पर पहुंचे गए और बिना किसी देरी के महिला को गोद में उठा कर इमरजेंसी तक पहुंचाया। डाक्टर की गोद में गर्भवती महिला को देखकर इमरजेंसी में तैनात स्टाफ अलर्ट हो गया और महिला का इलाज शुरू किया लेकिन थोड़ी ही देर के बाद महिला की मौत हो गई। महिला की पहचान उत्तर प्रदेश के बांदा निवासी सोनिया के रूप में हुई। मृतक महिला सोनिया अपने पति रामशाही के साथ गांव खरकरामजी के एक ईंट-भट्ठे पर मजदूरी करती थी और आठ माह की गर्भवती थी। महिला की मौत के बाद उसका कोरोना टेस्ट किया गया लेकिन वह नेगेटिव मिला।

एम्बुलेंस कंट्रोल रूम से भी मिला टका सा जवाब

मृतका सोनिया के पति रामशाही ने बताया कि सोमवार दोपहर को अचानक ही उसकी पत्नी की तबीयत बिगड़ गई। जब इसके बारे में उस एरिया की एएनएम से संपर्क किया तो उन्होंने सीएचसी में लेकर आने के लिए कहा। जब उसको वहां पर लेकर गए तो उसकी पत्नी की हालात गंभीर हो चुकी थी, इसलिए उन्होंने नागरिक अस्पताल जींद लेकर जाने के लिए कहा। जब एम्बुलेंस कंट्रोल रूम से संपर्क किया तो वहां से जवाब मिला कि सभी एंबुलेंस कोरोना मरीजों को लेकर गई हुई हैं और कुछ को सेनेटाइज किया जा रहा है। इसलिए कार को किराये पर लेकर उसकी पत्नी को नागरिक अस्पताल में पहुंचा। जब वहां पर पहुंचा तो स्ट्रेचर नहीं था। जब स्ट्रेचर की तलाश कर रहे थे तो इसी दौरान डा. रमेश पांचाल आया और उसकी पत्नी को गोद में उठाकर इमरजेंसी में ले गयाए लेकिन उसकी पत्नी की जान नहीं बच पाई।

खून की कमी के चलते हुई मौत : एसएमओ

नागरिक अस्पताल के एसएमओ डा. गोपाल गोयल ने बताया कि महिला में खून की कमी थी। उसकी हिस्ट्री देखने पर पता चला कि खून के कमी के चलते पिछले दिनों महिला रोहतक पीजीआइ में दाखिल हुई थी। जहां पर परिजन पूरा इलाज लिए ही उसे खरकरामजी ले आए थे। सोमवार को उसकी अचानक ही तबीयत बिगड़ने पर उसे नागरिक अस्पताल में लेकर आए थे लेकिन उसकी हालात गंभीर थी। जहां पर उपचार के दौरान मौत हो गई। स्ट्रेचर नहीं मिलने को लेकर उन्होंने कहा कि अस्पताल में 110 से ज्यादा कोरोना के मरीज दाखिल हैं। जिस समय महिला आई उस समय भी स्ट्रेचर सभी दूसरे वार्डों में गए हुए थे।

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